जवाहर लाल नेहरी यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्र सबके लिए सबके लिए सामान शिक्षा, फीस बढ़ोतरी समेत तमाम शिक्षा के अधिकारों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षा के साथ पूरा देश खड़ा है। लेकिन, सत्ताधारी दल बीजेपी के नेता और उनके समर्थक कह रहे हैं कि, “जेएनयू में फीस वृद्धि कोई इतना बड़ा मुद्दा नहीं कि इसके लिए संसद मार्च निकाला जाए।”

देश में 45 केंद्रीय विश्वविद्यालययों में से एक जेएनयू भी है जो केंद्र सरकार की तरफ से दी गई सब्सिडी पर चलती हैं। सरकारी सब्सिडी से देश के दूर दराज में रहने वाले गरीब इन विश्वविद्यालययों में पढ़ पाते हैं। जेएनयू को बदनाम करने वालों को जवाब देते हुए पठकथा लेखक वरुण ग्रोवर ने ट्वीट करके तंज कसा है।

वरुण ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, “पगला गए हैं JNU के छात्र-छात्राएं। कोई इनको बताओ हम taxpayers के पैसों से बनी subsidies सरकारी बंगलों में मुफ्त रहने वाले बाहुबली turned नेताओं के लिए या फिर 700 करोड़ के खर्चे की शादियां करने वाले industrialists के लिए होती हैं। गरीब बच्चों के लिए नहीं।”

शिक्षा चाहने वाले लोग, देशभर के तमाम विश्वविद्यालय, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार जेएनयू के समर्थन में आ रहे हैं। मगर सत्तापक्ष के लोग अपनी सोच का परिचय दे रहे हैं कि वो शिक्षा के साथ खड़े हैं की नहीं।

बता दें कि समान शिक्षा मांग रहे जेएनयू छात्रों को दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बर्बरतापूर्वक लाठियों से पीटा है। छात्र शांतिपूर्वक मार्च हजारों की तादात में संसद मार्च निकाल रहे थे। छात्र सांसदों से मिलकर कहना चाह रहे थे कि आप गरीब छात्रों की आवाज़ संसद में उठाओ।

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