आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के अतामाकुर शहर के एक सरकारी स्कूल परिसर में सोमवार को VVPAT मशीनों की कम से कम 200 पर्चियां मिलीं, जिससे जिले के अधिकारियों में खलबली मच गई।

यह घटना उस समय सामने आई जब तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की प्रामाणिकता को हरी झंडी दिखाते हुए वीवीपीएटी मशीनों में से कम से कम 50 फीसद पर्चियों की गिनती की मांग की।

क्लास में VVPAT मशीन की पर्चियों को ढ़का हुआ देखने के बाद कुछ छात्रों ने इसके बारे में स्थानीय लेखकों को बताया, जिन्होंने तुरंत नेल्लोर कलेक्टर मुथयला राजू को सतर्क किया। कलेक्टर ने उन्हें बताया कि ये VVPATS से बरामद डमी पर्चियां हो सकती हैं।

हालांकि, उन्होंने तथ्यों का पता लगाने के लिए स्थानीय राजस्व विभागीय अधिकारी चिन्ना रामुडू के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम को स्कूल भेजा। अधिकारियों ने जब वीवीपीएटी मशीन की पर्चियों की जांच की तो, इस नतीजे पर पहुंचे कि वे मतदान के दिन से बहुत पहले ईवीएम के परीक्षण का हिस्सा थे। उन्होंने तुरंत उन्हें आग लगाकर नष्ट कर दिया।

रामुडू ने वीवीपीएटी मशीनों में किसी भी तरह की ग़ड़बड़ी की खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा, “इस रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है कि स्कूल में बड़ी संख्या में वीवीपीएटी मशीन की पर्चियां मिलीं। ये महत्वहीन हैं।

हालांकि, उन्होंने स्थानीय संवाददाताओं को बताया कि मतदान के दिन से बहुत पहले मतदान कर्मचारियों के लिए अभ्यास आयोजित करते हुए पर्ची प्राप्त की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, उन्हें तुरंत नष्ट कर दिया जाना चाहिए, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के कारण, कुछ पर्ची स्कूल में छोड़ दी गईं।

वहीं मामला सामने आने के बाद विपक्ष इसपर सवाल उठा रहा है। दिल्ली के डिप्टी सीएम एवं आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने इसका वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा, “भारतीय चुनाव आयोग! क्या आप इससे इनकार कर सकते हैं? क्या देश को अब भी मानना चाहिए कि आपका कामकाज निष्पक्ष है? कोई जवाब”?

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