देश में कोरोना का कहर भी जारी है और उधर दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन भी बदस्तूर जारी है। जिस दौर में विदेशी नागरिक भारतीय किसानों के पक्ष में ट्वीट करते थे या अपनी बात रखते थे, तो भारतीय सेलिब्रिटी उनकी आलोचना किया करते थे।

वो कहते थे कि किसान आंदोलन को भारत का अंदरुनी मसला बताया करते थे लेकिन आज जब कोरोना ने भारत में अपना रौद्र रुप धारण कर लिया है।

न अस्पतालों में बेड है, न ऑक्सीजन सिलेंडर हैं, न एम्बुलेंस हैं। बीमारी से ज्यादा लोग कुव्यवस्था से तड़प तड़प कर मर रहे हैं तो कहां हैं आज भारत के सेलिब्रिटी ?

यह सवाल उठाया है युवा पत्रकार सोहित मिश्रा ने। सोहित ने भारत के सिने अभिनेताओं पर सवाल दागते हुए कहा है कि विदेशियों की ओर से किसान आंदोलन पर ट्वीट किए जाने पर इसे भारत का अंदरुनी मामला बताने वाले सेलिब्रिटी अब भारत में अस्पताल, बेड, वेंटिलेटर, आईसीयू की कमी पर चुप हैं।

अब ये लोग अंदरुनी मामलों पर बात नहीं करेंगे बल्कि फिल्मों के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाएंगे और बाद में नेताजी के साथ सेल्फी लेंगे।

मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में विस्फोटक स्थिति पैदा कर दी है। पिछले एक साल में देश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ।

अस्पतालों की दुर्दशा से आम आदमी कराह रहा है। देश भर से ऐसी खबरें लगातार आ रही हैं कि सरकार की बदइंतजामी की वजह से कई लोगों ने दम तोड़ दिया, लेकिन ऐसी बुरी स्थिति में भारत की सिनेमा जगत की हस्तियों ने चुप्पी साध रखी है।

भारत की समस्याओं पर कोई विदेशी बोलें तो ये लोग उस पर टूट पड़ते हैं। सरकार को खुश करने के लिए चाटुकारिता की हर हद पार कर देते हैं लेकिन आज पूरा देश विकट परिस्थितियों का सामना कर रहा है।

जिनके उपर इस विभीषिका से लड़ने की जिम्मेवारी है, वो चुनावजीवी बने हुए हैं।

हद तो यह है कि भारत के प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री तक चुनावी राज्यों में प्रचार की कमान संभाले हुए हैं और लोग सरकारी लापरवाही की भेंट चढ़कर असमय मौत के मुंह में जा रहे हैं और भारत की फिल्मी हस्तियों ने रहस्यमयी चुप्पी साध ली है।

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