समीर

शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर केंद्र सरकार और ममता सरकार आमने-सामने हैं। ममता बनर्जी ने सीबीआई पर आरोप लगाया है कि, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, और अजीत डोवाल के इशारे पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर के यहाँ बग़ैर वारंट घुस आई है।

और इसी को लेकर ममता बनर्जी रविवार रात से धरने पर बैठी हैं। इस पर BJP नेता मुकुल रॉय ने कहा कि, बंगाल सीएम सीबीआई के काम में बाधा डाल रही हैं।

ये अपने आप में हास्यास्पद है। आप पूछेंगे कि ऐसा क्यों? तो चलिए हम आपको बताते हैं। दरअसल जिस शारदा घोटाले की जाँच के लिए सीबीआई कोलकाता पहुँची है। उसके मुख्य आरोपी मुकुल रॉय भी है। कभी वो दीदी यानी ममता बनर्जी के ख़ासम ख़ास थे, लेकिन साल 2017 में वो ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे।

वजह जानना चाहते हैं? … तो सुनिए दरअसल पश्चिम बंगाल में साल 2013 में हुए 3 हज़ार करोड़ के शारदा चिटफंड घोटाले में तब तृणमूल कांग्रेस के नेता रहे ममता बनर्जी के वफ़ादार माने जाने वाले मुकुल रॉय भी मुख्य आरोपी थे।

सीबीआई लगातार उनसे सवाल कर रही थी। पूछताछ कर रही थी। साल 2014 में नरेंद्र मोदी सत्ता में आते हैं और मुकुल पर शिकंजा तेज़ हो जाता है। साल 2017 में मुकुल रॉय बीजेपी में शामिल हो जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि, बीजेपी में जाने से कुछ हफ़्ते पहले ही उन्हें सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था।

तब ऐसा माना गया कि, वो सीबीआई जाँच से बचने के लिए TMC से किनारा कर बीजेपी में गए हैं। एक और बात 2017 में जैसे ही वो बीजेपी में शामिल हुए उन्हें मोदी सरकार की ओर से Y श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई। उनकी सुरक्षा में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स यानी CRPF  के जवानों को तैनात किया गया।

ऐसे में ममता का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले शारदा घोटाले के मुख्य आरोपी मुकुल अगर सीबीआई की कार्रवाई रोकने का इल्ज़ाम बंगाल सीएम ममता पर लगा रहे हैं, तो वाकई ये हास्यास्पद है। ये तो वही बात हो गई कि… look Who’s talking!

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