लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने न्यूनतम आय की गारंटी योजना का ऐलान किया है। इस योजना का ऐलान खुद राहुल गांधी ने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस करते हुए किया। इस योजना के तहत प्रति माह 12 हजार रुपये से कम कमाने वाले परिवार को हर महीने 6 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा।
कांग्रेस ने इस न्यूनतम आय योजना का नाम दिया है ‘न्याय’। पार्टी का कहना है कि इस योजना से उन गरीबों को न्याय मिलेगा जो पिछले पांच वर्षों से मुश्किलों से जूझ रहे हैं।
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हम 5 करोड़ परिवारों के 25 करोड़ लोगों को न्याय देने जा रहे हैं। इससे पहले किसानों की समस्या से परेशानी में घेरी मोदी सरकार ने इसी बजट में 12 करोड़ गरीब किसानों के लिए सालाना 6 हजार रुपये दिए जाने का ऐलान किया था।
अब इसके जवाब में कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो देश के सर्वाधिक गरीब 20 प्रतिशत परिवारों को 72,000-72,000 रुपये सालाना बतौर न्यूनतम आय उपलब्ध कराई जायेगी।
मगर कांग्रेस के इस ऐलान से नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार खुश नहीं है। यही वजह है की आचार सहिंता लगने के बावजूद विपक्षी दल के इस वादे पर उन्होंने कांग्रेस की जमकर आलोचना की है।
स्मृति ईरानी ने MPLAD फंड में किया घोटाला! कांग्रेस ने की इस्तीफ़े की मांग
कुमार ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए 1971 में गरीबी हटाओ का नारा दिया, 2008 में वन रैंक वन पेंशन का वादा किया, 2013 में खाद्य सुरक्षा की बात कही लेकिन इसमें से कुछ भी पूरा नहीं कर सकी।
नीति आयोग का उपाध्यक्ष वही होता है जो पांच साल में सरकार के नीतियां बनाता है।
पहली बात तो ये अगर कांग्रेस की ये योजना ख़राब है या लुभावनी मात्र है तो आयोग के लोग इसका विरोध चुनाव के वक़्त पर नहीं कर सकते है। क्योंकि राजनीतिक दल सत्ता में आने के लिए वादे करते हैं साथ ही राजीव कुमार को ये विरोध तब करना चाहिए था जब कांग्रेस सत्ता में आती और इस योजना को लागू करने को कहती।
मगर राजीव कुमार ने एक राजनेता की तरह इस योजना की न सिर्फ आलोचना की बल्कि उनके बयान से कांग्रेस विरोधी स्वर और सरकार की तरफदारी की झलक भी साफ़ दिखाई देती है।
NITI Aayog Vice-Chairman: It's an old pattern followed by Congress. They say & do anything to win elections. Poverty was removed in 1966, One Rank One Pension was later implemented, everyone received proper education under Right of Education! So you see then can say&do anything. pic.twitter.com/29FBr1DJ86
— ANI (@ANI) March 25, 2019
अकेले राजीव कुमार ने इस कांग्रेस की योजना पर हमला नहीं बोला है उनसे पहले प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने भी ट्विटर पर गांधी की चुनाव पूर्व घोषणा की आलोचना की थी। मगर बाद लोगों ने उन्हें चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया तो उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट करते हुए लिखा बताने के लिये ‘धन्यवाद’।
एनडीटीवी के अनुसार पीएमईएसी ने ट्विटर पर लिखा था कि आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति तथा राजकोषीय अनुशासन में सही संतुलन स्थापित करने को लेकर पिछले पांच साल में काफी कार्य किये गये हैं।
कांग्रेस ने CBI को ‘तोता’ बनाया था लेकिन मोदी ने 4.5 साल में उसे ‘कुत्ता’ बनाकर रख दिया है : ध्रुव गुप्त
अब सवाल ये उठता है की क्या चुनाव आयोग नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार को नोटिस जारी करेगा की वो कांग्रेस या किसी राजनीतिक दल के वादों पर तभी कुछ बोल सकते है जब वो वादें ज़मीन पर लागू हों क्योंकि योजना लागू होने से पहले उसकी कमी निकालना और आलोचना करना या तो अर्थशास्त्रियों का काम है या तो राजनेताओं का नीति आयोग का काम सिर्फ नीति बनाना है न की राजनीतिक बयानबाज़ी करना।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 11 अप्रैल को शुरू होगा। सात चरणों में होने वाले चुनाव में करीब 90 करोड़ लोग वोट देने के पात्र हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी एक खास तबके को न्यूनतम आय की गारंटी देना चाहती है। जिससे अरुण जेटली पहले ही कांग्रेस धोखेबाज़ी करार देते हुए कहा है कि कांग्रेस ने गरीबी के नाम पर 7 दशकों से देश को सिर्फ धोखा दिया है