अभिनव यादव
“नमो-नमो वाले जाने वाले हैं, जय भीम वाले आने वाले हैं।” बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने हर भाषण में ये नारा बड़े ही आत्मविश्वास के साथ बोल रही हैं। ऐसी क्या वजह है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में सीट के मामले में ‘शून्य’ पर सिमट जाने वाली बसपा की सुप्रीमो मायावती जय भीम के नारे के साथ प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को सीधे चुनौती देती दिख रही हैं?
मायावती की इस चुनौती ने बीजेपी खेमे में हलचल पैदा कर दी है। जिस मायावाती को भाजपा पांच साल तक ये कह कर तंज मारती रही कि बसपा ‘शून्य’ पर सिमट गई, ये अब खत्म हो जाएंगे। वही मायावती अब जबरदस्त वापसी करते हुए शिखर की ओर अग्रसर हैं और इस वक़्त प्रधानमंत्री की रेस में उनकी दावेदारी मजबूत है।
मायावती का ये आत्मविश्वास ऐसे ही नहीं बढ़ा हुआ है। जिस तरह से यूपी में सपा-बसपा-आरएलडी का गठबंधन हुआ है उसने देश के सबसे बड़े इस सूबे यूपी में दलित, पिछड़े, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की मजबूत गोलबंदी की है। यही समीकरण भाजपा को ‘अर्श से फर्श’ तक पहुँचाने के लिए काफी है। दलित , पिछड़े और अल्पसंख्यकों की गोलबंदी ही महागठबंधन की ताकत है।
मोदी के गुजरात में दंगे हुए मगर मेरे कार्यकाल में कभी नहीं, इसलिए मैं उनसे बेहतर PM बनूंगी : मायावती
17 मई 2019 को लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के आखिरी दिन के प्रचार में बसपा सुप्रीमो मायावती ने दो टूक बोलते हुए कहा कि, “बीजेपी वालों के लटके चेहरे बता रहे हैं कि ये चुनाव हार चुके हैं। 23 मई के बाद पीएम मोदी के साथ-साथ उनके चेलों के भी बुरे दिन शुरू हो जाएंगे।”
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने हर भाषण और हर इंटरव्यू में ये बोलते दिख रहे हैं कि, ‘23 मई को देश को नया प्रधानमंत्री मिलने जा रहा है। अखिलेश इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि देश का अगला प्रधानमंत्री यूपी से ही होगा। अखिलेश का इशारा गठबंधन से ही प्रधानमंत्री बनाने की ओर है।
अखिलेश यादव, मायावती और राहुल गाँधी के आत्मविश्वास को इससे भी समझा जा सकता है कि, प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह यूपी से मुँह मोड़कर अपनी पूरी ताकत पश्चिम बंगाल में लगा रहे हैं। बीजेपी का संगठन यूपी की कुछ गिनी-चुनी सीटों पर ही अपनी ताकत झोंक रहा है।
BJP वालों के लटके चेहरे बता रहे हैं कि 23 मई के बाद मोदी और उनके चेलों के ‘बुरे दिन’ शुरू हो जाएंगे
क्या ये संकेत है कि पीएम मोदी और अमित शाह को ये आभास हो गया है कि यूपी में गठबंधन के सामने समय गंवाने का कोई मतलब नहीं है? क्या बीजेपी यूपी में हो रहे नुकसान की भरपाई बंगाल से करने की जुगत में लगी हुई है?
जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी भी ये कहते देखे और सुने जा रहे हैं कि, “पक्के तौर पर नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।” ये भी बात सही है कि यूपी, बिहार, बंगाल, तमिलनाडू, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में क्षेत्रीय दलों की घेरेबंदी के बाद भाजपा की हार देख कर राहुल गाँधी उसमें अपनी जीत देख रहे हैं।
उधर तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी ये कह रही हैं कि मोदी देश के अगले प्रधानमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं। ममता बंगाल में बीजेपी को कड़ी टक्कर देती दिख रही हैं।
एक साथ देश के इन चार बड़े नेताओं का ये कहना कि नरेन्द्र मोदी देश के अगले प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। इससे ये साफ़ तस्वीर सामने आ रही है कि 23 मई को ज़रूर कुछ सत्ताधारी भाजपा के लिए अचंभित करने वाला परिणाम आने वाला है। या यूं कहें कि कुछ नया होने वाला है। या नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है। या कुछ और…