‘प्रिय स्मृति ईरानी जी, कुछ दिन पहले आपने संसद में महिला अस्मिता पर खूब विधवा विलाप किया। अब उन्नाव की बेटी से मिलने और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने आप आएंगी या मैं एकता कपूर जी से निवेदन करूँ कि वहां पहले बालाजी टेलीफिल्म का सेट लगवाया जाए शूटिंग के लिए।’ ये बयान है समाजवादी पार्टी नेता आईपी सिंह का जिन्होंने उन्नाव गैंगरेप पीड़िता एक्सीडेंट को लेकर स्मृति ईरानी पर तंज कसा है।

दरअसल कुछ महीनों पहले अमेठी से बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी अपने सहयोगी की हत्या के बाद उसकी अर्थी को कंधा देने पहुँच गई थी। जिसके बाद उन्होंने हत्या की जांच करवाने का वादा किया था। अब उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के एक्सीडेंट पर बीजेपी नेताओं की नज़रअंदाजी से सवाल उठने लगे है।

विपक्षी नेता तो लगातार पीड़िता की मदद की बात कर रहें है। मगर बीजेपी नेताओं ने मौन धारण कर लिया है, वो भी ऐसे वक़्त में जब आज़म खान के बयान पर देश की दोनों सदनों में जमकर हंगामा हो चुका है। जिसपर खुद स्मृति ईरानी ने सख्त से सख्त एक्शन लेने के लिए कहा था उसी के एक दिन बाद ही गैंगरेप पीड़िता का एक्सीडेंट होता है।

इस एक्सीडेंट में पीड़िता को गंभीर चोट आती है। मगर स्मृति ईरानी ना तब बोल पाई और ना अब कुछ बोल पा रही है ऐसे में सिर्फ अपने नेताओं की मौत पर शोर मचाना और गैंगरेप पीड़िता की मौत पर चुप्पी साध लेना, कहाँ जायज है।

गौरतलब हो कि उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने आरोप लगाया था कि बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर ने उसके साथ 4 जून, 2017 को अपने आवास पर दुष्कर्म किया था। जहां वो अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी मांगने के लिए गई थी।

बता दें कि बीजेपी विधायक होने के चलते सेंगर को गिरफ्तार करने में देरी लगी थी। सेंगर के खिलाफ उन्नाव के माखी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।

शासन ने इस आदेश में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी, जिसे एजेंसी ने स्वीकार कर लिया था। कुलदीप सेंगर उन्नाव के अलग-अलग विधानसभा सीटों से चार बार से लगातार विधायक है।

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