पिछले दिनों सदन में समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान ने महिला स्पीकर पर शर्मनाक बयान दिया था। इस बयान पर खूब हंगामा हुआ सत्तापक्ष से लेकर विपक्षी नेताओं ने भी आजम के बयान की जमकर आलोचना की थी। मगर उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के एक्सीडेंट के बाद उन सभी नेताओं ने मौन धारण कर लिया है जो सदन में नारी शक्ति के कसीदे पढ़ रहे थे।

दरअसल बीजेपी के बाहुबली विधायक के सामने केस लड़ रही पीड़िता अब जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है। रायबरेली में एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी जिसमें दो परिजनों की मौत हो गई और पीड़िता भी गंभीर रूप से घायल हो गई है। पुलिस ने बताया कि ट्रक ड्राइवर और मालिक पकड़े गए हैं जो फतेहपुर के रहने वाले हैं।

विपक्षी नेताओं को छोड़ दें तो शायद ही कोई बीजेपी नेता पीड़िता के साथ नज़र आ रहा है। ना ही उसके लिए ट्वीट किया जा रहा और ना ही कोई बयान दिया जा रहा है। नारी शक्ति पर खोखली बयानबाज़ी तो इसी से पता चलती है कि अबतक बलात्कार आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी ने निकाला भी नहीं है।

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ ऐक्सिडेंट इत्तेफाक नहीं, पीड़िता के साथ सुरक्षाकर्मी क्यों नही थे? : संजय सिंह

इस मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अनिल यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा- आज़म साहब ने जो कहा उसके लिए उनकी सदस्यता रद्द की माँग करने वाली नारी शक्ति भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को विधानसभा सदस्य बने क्यों देखना चाहती हैं? क्या ग़रीब की बेटी की इज्ज़त और जान की कीमत नहीं या अब न्याय माँगना बस की नहीं?

गौरतलब हो कि उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने आरोप लगाया था कि बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर ने उसके साथ 4 जून, 2017 को अपने आवास पर दुष्कर्म किया था। जहां वो अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी मांगने के लिए गई थी।

बता दें कि बीजेपी विधायक होने के चलते सेंगर को गिरफ्तार करने में देरी लगी थी। सेंगर के खिलाफ उन्नाव के माखी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।

शासन ने इस आदेश में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी, जिसे एजेंसी ने स्वीकार कर लिया था। कुलदीप सेंगर उन्नाव के अलग-अलग विधानसभा सीटों से चार बार से लगातार विधायक है।

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