शाहजहांपुर में लॉ कॉलेज की छात्रा से यौन शोषण का आरोपी बीजेपी नेता एवं पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद अभी भी आज़ाद घूम रहा है। वहीं, सपा नेता एवं रामपुर से सांसद आजम खान पर बकरी-भैंस चुराने के आरोप में गंभीर मामले लगाकर यूपी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। जबकि चिन्मयानंद के मामले में छात्रा और उसके परिजनों की शिकायत के बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसके ख़िलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज नहीं किया है।

सबसे बड़ा सबूत जो है वो ये कि, भाजपा नेता चिन्मयानंद छात्रा से नंगे होकर मालिश करवा रहा है, जिसका वीडियो सामने आ चुका है। सोशल मीडिया में ये वीडियो अभी भी वायरल हो रहा है। फिर क्यों यूपी पुलिस अभी तक खाली हाथ घूम रही है?

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इस मामले में यूपी पुलिस द्वारा एफ़आईआर दर्ज नहीं किए जाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि पुलिस सत्तारूढ़ बीजेपी पार्टी के नेता चिन्मयानंद को बचाने की कोशिश कर रही है। वरना ऐसा ही केस पूर्व ‘आप’ विधायक संदीप कुमार और कांग्रेस के हार्दिक पटेल का भी सामने आया था। इन दोनों मामलों को मीडिया से लेकर बीजेपी ने देश का बड़ा मुद्दा बना दिया था। मगर योगी सरकार और यूपी पुलिस की न जाने क्या मजबूरी है?

मीडिया से बात करते हुए पीड़ित छात्रा और उसके पिता ने कहा कि स्थानीय प्रशासन और सरकार के दबाव में स्वामी चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है।

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पीड़िता ने कहा, “चिन्मयानंद पिछले एक साल से मेरा शोषण कर रहे हैं, मेरे पास इसके सबूत भी हैं जिन्हें मैं उचित समय पर जांच एजेंसियों को दिखा भी सकती हूं, फिर भी पुलिस मेरी शिकायत नहीं दर्ज कर रही है।”

हालांकि इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआईटी अपना काम कर रही है। एसआईटी ने शुक्रवार को आरोपी चिन्मयानंद का दिव्य आश्रम सीज़ कर दिया है। इसके अलावा एसआईटी ने गुरुवार रात यूपी पुलिस से भी यौन शोषण केस से जुड़े सवाल पूछे।

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