कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आलोक वर्मा मामले में कहा है कि, “पहले हाई पावर कमेटी की मीटिंग बुलाए बग़ैर आलोक वर्मा को हटा दिया गया।
(फिर कोर्ट ने उन्हें नियुक्त कर दिया) दोबारा मीटिंग बुलाई गई तो उसमें सारे तथ्य कमेटी के सामने नहीं रखे गए। आलोक वर्मा को सिर्फ़ सीवीसी की रिपोर्ट के आधार पर हटा दिया गया जबकि वो रिपोर्ट जस्टिस पटनायक की नहीं थी”
Mallikarjun Kharge, Congress on Former CBI Chief Alok Verma:
— ANI (@ANI) January 12, 2019
Without calling a meeting, Director was removed. Even after calling a meeting, all documents weren't presented before committee. Action was taken only on basis of CVC report. It didn’t include Justice Patnaik’s report pic.twitter.com/Suh2bzYT39
ग़ौरतलब है कि मल्लिकार्जुन खड़गे भी पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली उस कमेटी में शामिल थे जिसने 10 जनवरी को आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाकर फ़ायर, और होमगार्ड विभाग का निदेशक बना दिया।
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हालांकि खड़गे ने इसका विरोध किया था। पर पीएम मोदी और जस्टिस सीकरी ने आलोक वर्मा के वर्मा को हटाने के समर्थन में रहे और 2:1 के फ़ैसले से वर्मा को हटा दिया गया।
जस्टिस पटनायक ने कहा-
इससे पहले आलोक वर्मा के ख़िलाफ़ जाँच कर रही सीवीसी टीम की अगुवाई कर रहे जस्टिस पटनायक ने साफ़ शब्दों में कहा था कि, आलोक वर्मा के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के सबूत नहीं थे।
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उन्हें पीएम मोदी की अगुवाई वाली टीम ने जल्दबाज़ी में निदेशक पद से हटाया। उस सीवीसी रिपोर्ट में मेरी जाँच शामिल नहीं थी।