zakir naik
Zakir Naik

विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने को लेकर एक सनसनीखेज़ ख़ुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि केंद्र की मोदी सरकार ने कश्मीर से 370 हटाए जाने को लेकर उनका समर्थन मांगा था और इसके एवज़ उन्हें सुरक्षित भारत वापस लौटने की पेशकश की थी।

नाइक ने बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार की इस पेशकश को स्वीकार नहीं किया। नाइक ने ये ख़ुलासा शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर किया है। वीडियो में उन्हें यह कहते नज़र आ रहे हैं कि साढ़े तीन महीने पहले मलेशिया में भारत सरकार के एक प्रतिनिधि ने उनसे मुलाकात की थी।

प्रतिनिधि ने कहा कि वह उनके और भारत सरकार के बीच पैदा भ्रम और गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं और मुझे भारत आने के लिए सुरक्षित तरीका देना चाहते हैं। नाइक ने कहा, प्रतिनिधि ने मुझसे कहा कि वह चाहते हैं कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने का मैं समर्थन करूं। अगर मैं ऐसा करता हूं तो मेरे ऊपर से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को हटा दिया जाएगा और मैं भारत आकर रह सकता हूं। लेकिन मैंने ये पेशकश कबूल नहीं की।

”नाइक ने कहा कि प्रस्ताव से इनकार करने के बाद, उन्हें भविष्य में बीजेपी या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सार्वजनिक बयान देने से मना किया गया।

इसके साथ ही नाइक ने ये दावा भी किया कि सिर्फ उनसे ही नहीं बल्कि भारत के तमाम टॉप मुस्लिम लीडर्स को इसी तरह की धमकी या सौदेबाजी की गई थी। सरकार का मकसद कश्मीर पर उनके समेत कथित तौर पर अन्य मुस्लिम नेताओं से समर्थन जुटाना था। इस तरह की पेशबंदी उन नेताओं से ज्यादा की गई थी, जिनका अन्य मुस्लिम देशों में अच्छा-खासा प्रभाव है।

बता दें कि ज़ाकिर नाइक पिछले तीन साल से मलेशिया में रह रहे हैं। नाइक पर भारत में सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। जुलाई 2016 में ढाका में हुए आर्टिसन बेकरी के आतंकी हमले के सिलसिले में भी नाइक पर भारत और बांग्लादेश दोनों जगह जांच चल रही है।

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