बिहार में जंगलराज का एक और नमूना सामने आया है। बिहार की उपमुख्यमंत्री रेनू देवी के भाई रविप्रसाद उर्फ पिन्नु  को लेकर जमीन कब्जा करने के आरोप सामने आ रहे हैं। रवि प्रसाद ने पटना के पटेल नगर इलाके में करोड़ों की जमीन कब्जा की है।

जमीन के असली मालिक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर सभी अधिकारियों से लिखित में शिकायत की है। अपने शिकायत पत्र में जमीन के मालिक ब्रह्मानंद सिंह और श्रवण कुमार ने लिखा है कि रवि प्रसाद उर्फ पिन्नु उनकी जमीन कब्जा करने हथियारों से लैस होकर पहुंचे थे।

जमीन मालिकों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तब उन्हें रवि प्रसाद ने यहां तक कह दिया कि इसे उठाकर डिप्टी सीएम के आवास ले चलो।

ये रवि प्रसाद वही है जिन्होंने 2 साल पहले बेतिया के एक दुकानदार की केवल इसलिए पिटाई की थी क्योंकि वो रवि प्रसाद के स्वागत के लिए खड़ा नहीं हुआ था।

हालांकि डिप्टी सीएम रेणू देवी का कहना है कि उन्होंने अपने इस भाई से कई साल पहले ही रिश्ते तोड़ लिए हैं।

ब्रह्मानंद सिंह की शिकायत के मुताबिक, 21 जून को रवि प्रसाद 4-5 गाड़ियों में अपने साथियों के साथ उनकी जमीन पर कब्जा करने की नीयत से पहुंचे। उन लोगों ने कुछ ही देर में जमीन के चारों तरफ दीवारें बनाने की तैयारी शुरू कर दी।

ब्रह्मानंद सिंह ने शास्त्रीनगर थाने में जाकर उनकी शिकायत दर्ज करवायी। लेकिन ब्रह्मानंद सिंह की मदद करने के लिए पुलिस पहुंच ही नहीं रही थी।

तब जाकर उन्होंने खुद ही कब्जा करने पहुंचे लोगों का विरोध किया। तभी उन्हें ये भी पता चला कि कब्जा करने आए लोग डिप्टी सीएम के भाई और उनके साथी हैं।

ब्रह्मानंद सिंह ने ये भी कहा है कि उनके पास वाकये की सीसीटीवी फुटेज भी है। जरूरत पड़ने पर वो पुलिस को फुटेज भी मुहैया करवा देंगे।

साथ ही ब्रह्मानंद सिंह को इस बात का भी डर है कि स्थानीय थाने और उस इलाके के लोगों से मेलजोल होने के कारण उनकी जमीन के साथ साथ उन्हें जान का भी खतरा है।

जमीन के असली मालिक ब्रह्मानंद सिंह और श्रवण कुमार ने बताया, उनकी इस जमीन पर रवि प्रसाद की नजरें ग़ड़ी हुई हैं। जमीन की कीमत बाजार में लगभग 6 करोड़ रूपए है और कागजों में इसके मालिक ब्रह्मानंद सिंह और श्रवण कुमार के पिता स्व. सच्चिदानंद सिंह का नाम है।

अब तक पुलिस और प्रशासन की तरफ से जमीन के असली मालिकों को कोई मदद नहीं मिली है। डिप्टी सीएम के पद के नाम पर धमकी देने वाले रवि प्रसाद अब भी पुलिस के छानबीन, पूछताछ जैसी किसी गतिविधि का हिस्सा नहीं है।

नीतीश सरकार के पास शिकायत पहुंचने के बाद भी अब तक उन्होंने मामले की कोई सुध नहीं ली है।

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