राफेल डील को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एक बार फिर से फंसती हुई नजर आ रही है। राफेल में भ्रष्टाचार का जिन्न एक बार फिर से निकल गया है।

फ्रांस ने वर्ष 2016 में मोदी सरकार के साथ हुए राफेल फाइटर प्लेन सौदे की जांच के आदेश दे दिए है।

इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक जज को नियुक्त किया गया है। फ्रांस के राष्ट्रीय वित्तीय अभियोजक ने ये जानकारी सार्वजनिक की।

इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस विवादों के घेरे में है।

इसके साथ ही राफेल डील पर फैसला देने वाले पूर्व मुख्य न्यायाधीश और वर्तमान में राज्यसभा के सांसद रंजन गोगोई पर भी उंगली उठनी शुरु हो गई है।

वर्ष 2016 में हुए इस डील के तहत भारत को 36 फाइटर जेट दिया जाना है। ये डील भारत सरकार और फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी डसाल्ट के बीच हुई थी।

इस डील में लगातार भ्रष्टाचार, घूसखोरी और कमीशनखोरी के आरोप लगते आ रहे हैं। सबसे पहले इस मुद्दे को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उठाया था और कीदार चोर है का नारा दिया था।

राहुल गांधी ने कई बार अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस के साथ हुइ्र इस डील पर गंभीर सवाल उठाया था।

हालांकि भारत की सुप्रीम कोर्ट ने इस डील में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार के आरोपों से इंकार कर दिया था। इसके बाद फ्रांस की एक खोजी वेबसाइट मीडियापार्ट ने दावा किया था कि राफेल डील में करोड़ो रुपये की दलाली ली और दी गई है। मीडियापार्ट ने कहा था कि इस दलाली में से पैसे भारतीय अधिकारियों को भी दिए गए हैं।

इसके बाद फ्रांस के एक भ्रष्टाचार विरोधी एनजीओ शेरपा ने राफेल डील में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद फ्रांसीसी जज ने अब राफेल डील में जांच के आदेश जारी कर दिए है।

वहीं राफेल डील में किसी भी किस्म का कोई भ्रष्टाचार नहीं होने का फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जो अब राज्यसभा के सांसद बन चुके हैं। उन पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।

देश के जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीटर के जरिए रंजन गोगोई पर हमला बोला है.

प्रशांत भूषण ने फ्रांस में राफेल डील में जांच को विस्फोेटक बताते हुए कहा है कि “रंजन गोगोई ने राफेल डील की जांच की मांग वाली हमारी याचिका को खारिज करने और राज्यसभा जाने के बाद फ्रांसीसी जज ने भ्रष्टाचार, मनी लाॅंन्ड्रिंग और अनुचित एहसान से जुड़े सौदे की जांच शुरु कर दी है। इस डील में मोदी और अंबानी की भूमिका पर ध्यान देने की जरुरत है।”

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