अरुणाचल प्रदेश में भाजपा और जदयू के बीच घटे सियासी घटनाक्रम के बाद दोनों राजनीतिक दलों में दूरियां आती हुई दिखाई दे रही है।

इस मामले में जदयू ने भाजपा के खिलाफ इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत जदयू के नेता अन्य मुद्दों पर भाजपा को घेर रहे हैं।

भाजपा शासित तीन राज्यों में इंटर रिलिजन विवाह और धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश लाए गए हैं। जिसके तहत कुछ सालों की सजा का प्रावधान रखा गया है।

उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बाद बिहार में भी इंटर रिलिजन विवाद और धर्मांतरण के खिलाड़ कानून लाने का मुद्दा उठाया जा रहा है।

कल बिहार में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई है। इसके बाद पार्टी नेता के सी त्यागी ने मीडिया से बातचीत के दौरान लव जिहाद के लिए बनाए जा रहे कानून पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

उन्होंने कहा है कि इस तरह के कानून समाज में घृणा और नफरत फैलाते हैं। यह देश को बांटने का काम करते हैं।

जदयू नेता ने कहा है कि संविधान और सीआरपीसी के प्रावधान के तहत दो बालिग़ लोग अपनी पसंद से अपना जीवन साथी चुन सकते हैं। फिर चाहे वह किसी धर्म, और जाति से संबंध रखते हो।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की विरोधी पार्टी सपा ने डॉ राम मनोहर लोहिया समाजवादी विचारक थे। पार्टी ने उनके विचारों पर चलते हुए दो वयस्कों के इंटर कास्ट और अन्तर रिलिजन विवाह का समर्थन किया है। लेकिन अब योगी सरकार ने इसके खिलाफ कानून दिया है।

आपका बता दें कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इंटर रिलिजन विभाग और धर्मांतरण के मामले में भाजपा की सरकार ने 10 साल की कैद और 1 लाख के जुर्माने का प्रावधान बनाया है। जिसके चलते मुस्लिम युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है।

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