बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में भले ही आंकड़े के हिसाब से एनडीए ने बाजी मार ली, मगर इस बार सरकार चलाने की नैतिक ताकत खो चुकी है।
ये बात इसलिए भी साबित हो जाती है क्योंकि सरकार बनने के पहले सप्ताह में और कार्यभार संभालने के दिन ही नीतीश के मंत्री मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ा है।
भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाया गया था और आज ही उन्होंने अपना कार्यभार संभाला था मगर विपक्षी नेता तेजस्वी यादव द्वारा किए जा रहे घेराव और मीडिया सोशल मीडिया पर उठ रहे तमाम सवालों के दबाव में जेडीयू और बीजेपी की सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा।
ये अपने आप में एक दुर्लभ उदाहरण है कि किसी मंत्री ने जिस दिन शपथ लिया हो उसी दिन इस्तीफा देने को मजबूर हुआ हो, वो भी भ्रष्टाचार के आरोप की वजह से।
दरअसल 4 दिन पहले नीतीश कुमार ने अपने जिन कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण किया था उनमें मेवालाल चौधरी भी थे, जिनपर पहले से ही भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं। मंत्रिमंडल में मेवा लाल के शामिल होते ही विपक्ष हमलावर होता चला गया और नीतीश सरकार बैकफुट पर।
तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट किया था- “भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगौडे आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया।
अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया।
सत्ता संरक्षित अपराधियों की मौज है। रिकॉर्डतोड़ अपराध की बहार है।
कुर्सी ख़ातिर Crime, Corruption और Communalism पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे।”
भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगौडे आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया।
अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया।
सत्ता संरक्षित अपराधियों की मौज है। रिकॉर्डतोड़ अपराध की बहार है।
कुर्सी ख़ातिर Crime, Corruption और Communalism पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 18, 2020
इसके साथ ही आज सुबह से ही तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर हमलावर नजर आ रहे थे। सुबह-सुबह उन्होंने ट्वीट किया-
“मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हत्या और भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में IPC की 409, 420, 467, 468, 471 और 120B धारा के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाने से बिहारवासियों को क्या शिक्षा मिलती है?”
इसी बात को दोहराते हुए उन्होंने दोबारा लिखा-” आदरणीय @NitishKumar जी,
श्री मेवालाल जी के केस में तेजस्वी को सार्वजनिक रूप से सफाई देनी चाहिए कि नहीं? अगर आप चाहे तो श्री मेवालाल के संबंध में आपके सामने मैं सबूत सहित सफाई ही नहीं बल्कि गाँधी जी के सात सिद्धांतों के साथ विस्तृत विमर्श भी कर सकता हूँ।
आपके जवाब का इंतज़ार है।”
आदरणीय @NitishKumar जी,
श्री मेवालाल जी के केस में तेजस्वी को सार्वजनिक रूप से सफाई देनी चाहिए कि नहीं? अगर आप चाहे तो श्री मेवालाल के संबंध में आपके सामने मैं सबूत सहित सफाई ही नहीं बल्कि गाँधी जी के सात सिद्धांतों के साथ विस्तृत विमर्श भी कर सकता हूँ।
आपके जवाब का इंतज़ार है। https://t.co/TDVGoywFSM
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 19, 2020
मुख्य विपक्षी नेता के हमलावर तेवर को देखते हुए नीतीश कुमार ने संभवतः दबाव बनाकर मेवालाल चौधरी को अपनी कैबिनेट से विदा कर दिया।
इस मामले में नीतीश कुमार की जितनी फजीहत हो रही है उससे कहीं ज्यादा विपक्ष की सक्रियता की तारीफ की जा रही है।