इन दिनों एक से बढ़कर एक प्रवक्ता देश के सामने अपनी विलक्षण प्रतिभा लेकर प्रकट हो रहे हैं।

अभी कुछ दिन पहले तक भाजपाई प्रवक्ताओं द्वारा देश की हर समस्या के लिए 57 साल पहले मर चुके पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरु को जिम्मेदार ठहराने के बाद अब जनता पर जिम्मेदारी की शुरुआत हो चुकी है।

बिहार के अस्पतालों की बदहाल स्थिति से पूरा देश वाकिफ है। राज्य की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता संजय वर्मा का मानना है कि बिहार के अस्पतालों की बदहाली के लिए जनता जिम्मेवार है।

बिहार में पिछले 16 सालों से नीतीश कुमार की सरकार है. इसके बावजूद उनकी पार्टी का मानना है कि बिहार में अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा के लिए जनता जिम्मेदार है सरकार नहीं।

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए कहा है कि “बेशर्म मुख्यमंत्री का नंगा प्रवक्ता”

दरअसल न्यूज चैनल न्यूज 24 ने बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर ऑपरेशन बी 38 के नाम से अभियान चला रही है। जिसके तहत बिहार के सभी 38 जिलों की स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई को उजागर किया जा रहा है।

न्यूज 24 की पड़ताल में अधिकांश जिलों के स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लगा हुआ पाया गया है।

न्यूज 24 की पड़ताल में साफ तौर पर देखा गया कि राज्य के दरभंगा मेडिकल काॅलेज जैसे विशिष्ट संस्थानों का हाल बद से बदतर है।

जहां जहानाबाद का स्वास्थ्य केंद्र तबेले में तब्दील दिखाई दिया तो वहीं राजधानी पटना के स्वास्थ्य केंद्र की पड़ताल करने पर पता चला कि यहां सालों से ताला लटका पड़ा है और अंदर में मवेशियों का चारा और गोबर भरा पड़ा है।

जहां विपक्ष का कहना है कि काम करने के लिए 16 साल कोई कम समय नहीं होते, इस तरह की कुव्यवस्था और दुर्दशा के लिए राज्य सरकार पूर्ण रुप से जिम्मेदार है।

तो वहीं नीतीश कुमार के प्रवक्ताओं का मानना है कि इस बदतर स्थिति के लिए सरकार नहीं जनता जिम्मेदार है।

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