बिहार देश का एक ऐसा राज्य है जहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार सुशासन की बात करते हैं। केंद्र सरकार के थिंकटैंक माने जाने वाले नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार एक बार फिर फिसड्डी साबित हुआ है।
सतत विकास लक्ष्य सूचकांक भारत सूचकांक 2021 में जहां शीर्ष स्थान पर चल रहा है वही बिहार का प्रदर्शन सबसे बदतर रहा है।
मालूम हो कि आज नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्यों के लिए सूचकांक की रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में जहां केरल शीर्ष स्थान पर रहा वहीं बिहार का प्रदर्शन बेहद बुरा रहा।
मालूम हो कि नीति आयोग प्रत्येक वर्ष अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण के मापदंडों का मूल्यांकन करता है और राज्यों की रिपोर्ट जारी करता है।
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, लेफ्ट शासित प्रदेश केरल ने 75 अंकों के साथ शीर्ष राज्यों में अपना स्थान सबसे ऊपर रखा है। जबकि बिहार का स्थान इस सूची में सबसे नीचे है।
वही इस सूची में दूसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु है। इस सूची में जहां केरल को 75 अंक मिले हैं वहीं पर बिहार को महज 52 अंक ही प्राप्त हुए हैं।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ सहयोगी भाजपा पर भी करारा प्रहार किया है। तेजस्वी यादव ने ट्विटर के जरिए नीतीश कुमार को बधाई देते हुए कहा कि बधाई हो नीतीश कुमार जी इस घटिया परफॉर्मेंस के लिए।
तेजस्वी ने कहा कि यह ताकत है उस ड्राइवर की जो डबल पावर वाली डबल इंजन सरकार चला रहा है।
बतातें चलें कि बिहार की सत्ताधारी एनडीए गठबंधन चुनाव के वक़्त डबल इंजन सरकार का राग अलापती है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उनके चुनावी भाषणों में डबल इंजन की सरकार की बातें प्रमुखता से कही जाती है।
सीएम नीतीश कुमार लगातार कहते हैं कि केंद्र और राज्य में एक ही गठबंधन की सरकार होने का लाभ मिलता है। डबल इंजन की सरकार अपेक्षाकृत तेज गति से विकास करती है।
तेजस्वी यादव ने इसी दावे की पोल खोलते हुए कहा है कि अगर सचमुच डबल इंजन की सरकार विकास तेज गति से कर सकती है तो विकास के तमाम पैमानों पर बिहार का प्रदर्शन इतना घटिया क्यों है?
वहीं हाल ही में सम्पन्न हुए केरल विधानसभा चुनाव परिणाम की चर्चा करते हुए भी तेजस्वी ने कहा कि केरल की जनता ने बीजेपी को 0 सीट दिया, और उस केरल को नीति आयोग की इस रिपोर्ट में शीर्ष स्थान मिला,
जबकि बिहार की जनता ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 40 में से 39 सीटें भारतीय जनता पार्टी को दी और यहां की सरकार ने सबसे घटिया परफॉर्मेंस दिखाया है।