बीजेपी शासित राज्यों में दलितों पर अत्याचार के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे। ताज़ा मामला गुजरात के अहमदाबाद से सामने आया है।

यहां दो दलित युवकों की बेरहमसी से सिर्फ इसलिए पिटाई कर दी गई क्योंकि वो OBC जाति के लोगों के इलाके में आ गए थे।

मामला ज़िले के वदाज़ इलाके का है। यहां भारवाड समुदाय के लोग रहते हैं। बताया जा रहा है कि प्रकाश मकवाना और करण परमार नाम के दो दलित युवक इस इलाके में आ गए थे।

इनका यहां आना भारवाड समुदाय के लोगों को नागवार गुज़रा और फिर कथित तौर पर इस समुदाय के चार युवक स्नेहल, निखिल, अक्षय और संजय भारवाड ने इनसे पूछताछ शुरु कर दी। इससे पहले कि दोनों जवाब देते इन चारों ने इन्हें बेरहमी से पीटना शुरु कर दिया।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक़, इस दौरान हमलावरों ने दलित युवकों को जान से मारने की धमकी भी दी।

पुलिस को दिए बयान में दलित युवकों ने बताया कि हमलावर उनसे कह रहे थे कि आज के बाद इस इलाके में दिखाई दिए तो ठीक नहीं होगा।

उन्हें हिदायत दी गई कि न तो वे इस इलाके में आए और न ही कोई कामधंधा यहां आकर करें।

दलित युवकों की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में चार हमलावर युवकों को नामज़द किया है। पुलिस ने हमलावर युवकों के खिलाफ एससी\एसटी एक्ट के साथ IPC की अन्य धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली है।

ग़ौरतलब है कि गुजरात में दलितों पर अत्याचार के मामले तेज़ी से बढ़े हैं। दो साल पहले विधानसभा में ख़ुद गुजरात सरकार ने माना था कि 2013 से 2017 के दौरान दलितों के खिलाफ 32% और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ क्राइम 55% बढ़ा।

2013 में दलित उत्पीड़न के 1147 केस दर्ज हुए थे। वहीं, 2017 में दलित उत्पीड़न से संबंधित 1515 मामले दर्ज किए गए।

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