भारतीय जनता पार्टी (BJP) ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात तो करती है, लेकिन उसपर अमल नहीं करती। पार्टी के नेता स्वर्णों को तो इंसाफ़ दिलाने की बात करते हैं, लेकिन जब बात पिछड़ों के इंसाफ़ की आती है तो वो चुप्पी साथ लेते हैं।

ऐसा ही नज़ारा तब देखने को मिला जब उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री (Law minister) ब्रजेश पाठक ने बीजेपी नेता और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कबीर तिवारी (Kabir Tiwari) हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच की बात कही। दरअसल, ब्रजेश पाठक शुक्रवार को बस्ती में दिवंगत बीजेपी नेता कबीर तिवारी के गांव ऐंठी पहुंचे। यहां कानून मंत्री ने उनके परिजनों से मुलाक़ात की और आश्वासन दिया कि इस हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और इंसाफ़ होगा।

कानून मंत्री ने कहा कि वह इस पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इसमें पुलिस की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी। कानून मंत्री का इस तरह पीड़ित परिवार से मिलकर उनको इंसाफ़ दिलाने का आश्वासन दिया जाना, तारीफ़ के काबिल है।

सरकार की ये ज़िम्मेदारी है कि वह हर पीड़ित को इंसाफ़ दिलाए। लेकिन क्या मंत्री जी जिस तरह कबीर तिवारी के परिजनों को इंसाफ दिलाने की बात कर रहे हैं, उसी तरह वह पुष्पेंद्र यादव के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें भी इंसाफ़ दिलाने का आश्वासन दे सकते हैं।

बता दें कि कुछ दिनों पहले कबीर तिवारी की दिनदहाड़े बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के विरोध में कबीर के समर्थक उग्र हो गए और शहर में कई जगह जमकर तोड़फोड़ की। जिसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा पीड़ित परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने 8 नामजद और दो अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज भी दर्ज किया। मामले में गिरफ्तारियों और मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद भी कानून मंत्री उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दे रहे हैं।

वहीं हाल ही में झांसी में कथित तौर पर यूपी पुलिस ने वसूली न देने पर पुष्पेंद्र यादव (Pushpendra Yadav) पर गोलियां बरसा दी थीं, जिसमें उनकी मौत हो गई। इस मामले में विपक्षी नेताओं ने पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पुष्पेंद्र के परिजनों से मिलने भी पहुंचे। लेकिन इस मामले में न तो कानून मंत्री पुष्पेंद्र के परिजनों से मिलने पहुंचे और न ही उन्हें इंसाफ़ का आश्वासन दिया।

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