उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ख़ुद को दंगे के आरोपों से मुक्त करने के बाद अब 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपियों को बचाने का फैसला किया है। उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगों के 100 आरोपियों के ख़िलाफ़ दर्ज 38 मामलों को वापस लेने का आदेश दिया है।
इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, योगी सरकार चाहती है कि दंगों में शामिल केसों में से 38 केसों को हटाया जाए। और इसके लिए सरकार ने आदेश दिया है। इस तरह वो 100 आरोपियों को माफ़ कर रही है। सरकार की ओर से लिखे गए पत्र में यह कहा गया है कि ये मुकदमे राजनैतिक हैं, लिहाजा इनमें शामिल आरोपियों की संलिप्तता सिद्ध नहीं हुई है।
योगी सरकार ने इन मामलों को हटाने की मंज़ूरी 10 जनवरी को ही दे थी। इस मामले में राज्यपाल की तरफ़ से भी मंज़ूरी मिल गई है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव जेपी सिंह ने पत्र के जरिए अदालत के फैसले की जानकारी जिला प्रशासन को भेज दी है।
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योगी सरकार के इस कदम की आम आदमी पार्टी के समर्थक वेद प्रकाश ने तीखे शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा,
“मुजफ्फरनगर दंगाः राज्य सरकार ने की 38 केस वापस लेने की सिफारिश- 2013 जब मास मर्डर PM बना बैठा हो दंगाई CM बना हो तो न्याय की उम्मीद किससे करें”?
मुजफ्फरनगर दंगाः राज्य सरकार ने की 38 केस वापस लेने की सिफारिश – 2013
जब मास मर्डर PM बना बैठा हो दंगाई CM बना हो तो न्याय की उम्मीद किससे करें ? https://t.co/oBNQ2sdYvd
— Ved Prakash | وید پرکاش (@AAPVed) February 6, 2019
बता दें कि सितंबर, 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों में 60 लोग मारे गए, जबकि हजारों लोग बेघर हो गए थे। दंगों के बाद सूबे की तत्कालीन अखिलेश सरकार ने जांच के आदेश दिए। जिसके बाद जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया, जिसने 175 मामलों में चार्जशीट दाखिल की थी।
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पुलिस ने 6,869 आरोपी लोगों पर केस दर्ज किया जबकि 1,480 लोगों के दंगों के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एसआईटी के मुताबिक मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित 54 मामलों में अब तक 418 आरोपी सबूतों के आभाव में बरी किए जा चुके हैं।