उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के बाद भड़की हिंसा में पुलिस कांस्टेबल सुरेश वत्स की हत्या मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया है।

इस हिंसा पर अखिलेश ने सीएम योगी पर तीखा हमला करते हुए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है। पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, “ये घटनाएं इसीलिए होती हैं क्योंकि मुख्यमंत्री योगी की हमेशा एक ही भाषा बोलते हैं की ‘ठोक दो’।”

और ये घटना इसीलिए भी घटी है क्योंकि सीएम सदन में हों या मंच पर हों उनकी भाषा अपराधियों को ठोकने की होती है, इसीलिए कभी पुलिस को नहीं समझ आता किसे ठोकना हैं। कभी जनता को नहीं समझ आता किसे ठोकना है।”

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गौरतलब है कि शनिवार को गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के बाद कुछ लोगों का समूह अपनी समस्याओं को लेकर पीएम से मिलना चाहता था, लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें रोक दिया गया।

इसके बाद भीड़ बेकाबू होकर पुलिस पर पत्थरबाजी करने लगी इस पत्थरबाजी में कांस्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई।

कांस्टेबल सुरेश वत्स की मौत के बाद यूपी पुलिस और योगी सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं कि ऐसे कैसे पुलिस वालों को बेकाबू भीड़ मार दे रही है?

इससे पहले भी बुलंदशहर के स्याना में इंस्पेक्टर सुबोध की भीड़ ने हत्या कर दी थी। इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या में भाजपा से जुड़े संघठनों का नाम सामने आया है।

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गाजीपुर हिंसा में आरोप है कि निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कथिततौर पर पत्थरबाजी से कांस्टेबल की हत्या हुई है। वहीं मृतक सुरेश वत्स के बेटे वीपी सिंह ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है।

जब योगी सरकार में पुलिसकर्मी सुरक्षित नहीं है तो ऐसे कैसे योगी यूपी को अपराधमुक्त बनाएंगे? दूसरी सरकारों पर गुंडाराज का आरोप लगाने वाले सीएम योगी की सरकार अब खुद ‘जंगलराज’ की तरफ बढ़ रही है।

जहाँ जनता की रक्षा करने वाली खुद पुलिस ही मारी जा रही है। इसकी बानगी बुलंदशहर के बाद अब गाजीपुर में देखने को मिली है।

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