इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 4.5% रही है, इसलिए मोदी सरकार पर लगातार विपक्ष निशाना साथ रहा है। अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्तमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि ब्रीफकेस बदलने से जीडीपी ग्रोथ रेट नहीं बदल जाएगी उसके लिए कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के बजाय जनता की जेब में पैसा डालना होता है।

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उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- बजट को ब्रीफकेस से लाल बस्ते में पेश करने से अर्थ व्यवस्था नहीं बदलती। पैसा कॉर्पोरेट की जगह जनता की जेबों में डालना होता है और जोड़ तोड़ से सरकारें बनाने की जगह बहुमत से मिली सरकार को ठीक से चलाना होता है। संभल जाइए, सवाल देश का है।

गौरतलब है कि जीडीपी ग्रोथ रेट में लगातार गिरावट देखी जा रही है। ये 4.5% की ग्रोथ रेट पिछले साढे छह सालों में सबसे कम है। इसके बावजूद वित्त मंत्री यह बात मानने को तैयार नहीं हो रही है कि देश की अर्थव्यवस्था बुरी दशा में है।

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उन पर तंज कसते हुए बीजेपी के ही राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा है कि वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ नहीं पता है। साथ ही ये भी दावा किया है कि वास्तविक जीडीपी ग्रोथ रेट तो मात्र 1.5 प्रतिशत बची है।

ख़बरों के मुताबिक, यह पिछली 26 तिमाही में सबसे कम है। वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर थी। वहीं वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में जीडीपी गिरकर 5 फीसदी पर आ गई थी।

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