पिछले दिनों सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा को सीवीसी से क्लीनचीट मिलने की खबरें सामने आई थी। जिसे लेकर कोर्ट ने साफ़ किया था कि अलोक वर्मा के मामले की मंगलवार को सुनवाई होगी।

मगर मीडिया में एक बाद एक रिपोर्ट लीक हो जाने के कारण चीफ जस्टिस दोनों पक्षों पर भड़क गए और दो टूक कहा कि आप दोनों में से कोई भी सुनवाई के लायक नहीं है।

दरअसल पिछले दिनों में एक ख़बर आई कि सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा ने सीवीसी रिपोर्ट में कहा है कि पीएमओ और सुशील मोदी ने सीबीआई पर लालू यादव के आईआरसीटीसी मामले पर दबाव बनाने की बात कही थी।

अब इस मामले पर एक मीडिया संस्थान ने ख़बर की जिसकी जानकारी खुद संस्थान के सह संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन ने सुप्रीम कोर्ट की इस बात जवाब का सोशल मीडिया पर दिया है।

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उन्होंने लिखा, यह स्पष्ट करने के लिए है कि वायर की स्टोरी अलोक वर्मा के उन सवालों के जवाबों पर जो उन्होंने सीवीसी को दिया वो बंद लिफाफे में नहीं थे और न ही सुप्रीम कोर्ट के लिए बने थे। जहां तक उनके जवाबों की बात है, जो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को सीवीसी की फाइनल रिपोर्ट में दी है, उसपर हमने रिपोर्ट नहीं की है।

साथ ही फली नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो लेख 17 नवंबर का है और अलोक वर्मा ने 19 नवंबर को को सीवीसी को अपना जवाब दिया है।

कोर्ट ने फटकारा ख़बर कैसे लीक हुई?

कोर्ट ने कहा कि मीडिया में रिपोर्ट आखिर मीडिया संस्थानों के बीच लीक कैसे हुई? हालाकिं कोर्ट की तरफ से इस सुनवाई को टालने का कारण नहीं बताया है।

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नरीमन ने कहा कि मैं परेशान हूँ रिपोर्ट हमारी तरफ से लीक नहीं हुई है प्रेस की आज़ादी और उसकी ज़िम्मेदारी साथ साथ चली चलनी चाहिए प्रेस को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए। अब इस मामले पर कोर्ट अगली सुनवाई गुरुवार 29 नवंबर को करेगा।

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