
लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले एक बार फिर से राम मंदिर मुद्दा लौट आया है। मंदिर कोर्ट के फैसले से बनेगा की सरकार के अध्यादेश पर इसपर लगातार सियासी गलियारों में चर्चा तेज है।
इसी बीच पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देश का सविंधान उसी दिन ध्वंस हो गया था जिस दिन बाबरी मस्जिद गिराई गई थी।
The day Babri Masjid was demolished, it was not just a structure which was brought down but the Indian Constitution was also brought down along with it. Even the sanctity of the Constitution was also let down: Sharad Yadav (26.11.2018) pic.twitter.com/xnU6mZUVIN
— ANI (@ANI) November 27, 2018
दरअसल शरद यादव कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग की ओर से आयोजित संविधान दिवस समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा कि अयोध्या में जिस दिन ढांचा गिराया गया उसी दिन सविंधान भी ध्वंस कर दिया गया था और सविंधान की सारी मर्यादा को तोड़ दिया गया था।
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उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने सविंधान आस्था के लिए नही बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बनाया था यही वजह है संसद कभी बाहर नहीं लगी लेकिन अब संसद बाहर लगाई जा रही है।
सविंधान की विशेषता बताते हुए शरद यादव ने कहा कि हमारा सविंधान सांझा विरासत की बात करता है ये विविधताओं वाला देश है, इस देश अलग जाति और धर्म के लोग रहते है।
उन्होंने कहा कि ये चिंता का विषय है कि जैसे जैसे भारत की उम्र बढ़ती जा रही है उसी तरह लोकतंत्र की गरिमा भी लगातार कम होती जा रही है।
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शरद यादव ने देश मौजूदा हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज देश में हालात ठीक नहीं है सिर्फ हिंदू-मुस्लिम करने के अलावा कुछ नहीं हो रहा है मौजूदा शासन में देश कठिनाई के दौर से गुज़र रहा है।
अयोध्या में हुई धर्म संसद पर शरद यादव ने कि चुनाव से पहले मंदिर मुद्दा उठाया जाता है ताकि देश को बांटा जा सके। लोकतांत्रिक जनता दल के मुखिया शरद यादव ने कहा कि देश की संसद ज्यादा महत्वपूर्ण है न की सड़को पर लगने वाली संसद।