
प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने पार्टी का महासचिव बनाया है साथ ही प्रियंका को पूर्वी यूपी का प्रभारी भी बनाया है। पूर्वांचल के शहर बनारस से नरेंद्र मोदी सांसद हैं। और पूर्वांचल के ही गोरखपुर से सीएम योगी आदित्याथ आते हैं।
इसके अलावा भाजपा के यूपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय भी पूर्वाँचल के चंदौली से सांसद हैं।
अब तक आपको समझ में आ गया होगा कि पूर्वांचल ख़ास क्यों हैं। और ये भी समझ चुके होंगे कि, कांग्रेस ने प्रियंका को पूर्वी उत्तर-प्रदेश की कमान क्यों सौंपी है।
प्रियंका गांधी की एंट्री को पात्रा ने बताया परिवारवाद, अलका बोलीं- लगता है कांग्रेस का तीर 56 इंच के सीने पर जा लगा है
Many congratulations to Shri K C Venugopal, Smt. Priyanka Gandhi Vadra and Shri @JM_Scindia on their new appointments. We're fired up & ready to go! https://t.co/q7sMB8m6DO
— Congress (@INCIndia) January 23, 2019
अब चर्चाओं का बाज़ार इस बात को लेकर गर्म है कि क्या प्रियंका गांधी वाड्रा पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लड़ेंगी? क्या वो नरेंद्र मोदी को पटखनी देंगी?
यूपी में कुछ दिनों पहले जब सपा बसपा गठबंधन हुआ तो कांग्रेस को इससे दूर रखा गया। लेकिन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के संसदीय क्षत्रों रायबरेली और अमेठी से उम्मीदवार न खड़ा करने का एलान किया।
कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को बनाया ‘पूर्वी यूपी’ का प्रभारी, क्या इसलिए वाराणसी छोड़ भाग रहे हैं मोदी?
इसलिए उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जहाँ से भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगी वहाँ से सपा-बसपा अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं करेगी। पत्रकार अभिसार शर्मा उम्मीद जताते हैं कि प्रियंका वाराणसी से चुनाव लड़ सकती हैं वो भी महागठबंधन की सयुंक्त उम्मीदवार के तौर पर-
क्या बनारस में प्रियंका गांधी बनाम मोदी का मुकाबला हो सकता है? विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार प्रियंका बनाम देश के सबसे लोकप्रिय नेता मोदी ?
क्या बनारस मे प्रियंका गान्धी बनाम मोदी का मुकाबला हो सकता है ? विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार प्रियंका बनाम देश के सबसे लोकप्रिय नेता मोदी ?
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) January 23, 2019
हालांकि सपा-बसपा ने अब तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। लेकिन प्रियंका की नियुक्ति के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ज़रूर सपा-बसपा से नज़दीकी की ख़्वाहिश जताई है।
राहुल ने कहा है कि कांग्रेस को मायावती और अखिलेश से कोई दिक़्क़त नहीं है और हम सब मिलकर बीजेपी से लड़ेगे।