रविवार 10 मार्च को चुनाव आयोग ने लोकसभा समेत चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान किया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस बार आम चुनाव 7 चरणों में होंगे।

पहला चरण 11 अप्रैल को जबकि अंतिम चरण 19 मई को होगा। वोटों की गिनती 23 मई को होगी।

तारीखों के ऐलान के साथ ही न्यूज चैनलों पर ओपिनियन पोल भी आने शुरू हो चुके हैं। इन ओपिनियन पोल्स के गलत होने का अपना एक लंबा इतिहास रहा है। न्यूज चैनलों के ओपिनियन पोल को ‘ओपिनियन मेकिंग पोल’ भी कह सकते हैं।

रविवार को जैसे ही चुनाव आयोग ने चुनावों के तारीख का ऐलान किया न्यूज चैनलों पर ‘ओपिनियन मेकिंग पोल’ की बाढ़ आ गई। और इस बाढ़ में गोदी मीडिया में अपनी विश्वसनीयता एक बार फिर बहा दी। कोबरा पोस्ट की स्टिंग में पहले ही बिकाऊ मीडिया घोषित हो चुके एबीपी न्यूज ने रविवार को अपने ओपिनियन पोल में एनडीए (बीजेपी और उसके सहयोगी दल) की टैली में लोकसभा की कुल 543 सीट में से 564 सीट दिखा दिए। कुल सीट से 21 ज्यादा!

हालांकि ये टाइपो रहा होगा मगर गोदी मीडिया ने इस तरह से लोगों का विश्वास खो दिया है कि इस ग़लती पर भी इन्हें ट्रोल करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मोदिभक्ति में लीन इन चैनलों के खिलाफ लोगों में अविश्वास का आलम ये है कि लोग टाइपो में भी पक्षपाती इंटेंशन ही तलाश रहे हैं।

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अब सोशल मीडिया पर एबीपी न्यूज का मजाक बनाया जा रहा है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता विकास योगी ने ट्विटर पर लिखा है ‘543 में से 564 सीट तो ABP न्यूज़ ही दे सकता है।’

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