
यूरोपीय संघ के 28 सांसद मंगलवार को कश्मीर में मौजूदा स्थिति का जायज़ा लेने के लिए श्रीनगर रवाना हो गए हैं। अध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इस दौरे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है।
आचार्य प्रमोद ने तंज़ कसते हुए ट्विटर के ज़रिए कहा, “कश्मीर मुद्दे का विदेशी करण अब कौन कर रहा है, एक दो पाकिस्तानियों को भी बुला लेते, पठान कोट में भी तो बुलाये थे”।
कश्मीर मुद्दे का “विदेशी” करण अब कौन कर रहा है, एक दो “पाकिस्तानियों” को भी बुला लेते, पठान कोट में भी तो बुलाये थे.
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) October 29, 2019
बता दें कि यूरोपीय संघ के सांसदों को कश्मीर दौरे की अनुमति केंद्र की मोदी सरकार ने दी है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय दल कश्मीर जा रहा है। इससे पहले देश या विदेश के किसी भी नेता को कश्मीर जाने की इजाज़त नहीं थी। किसी भी नेता को कश्मीर जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती थी।
लेकिन अब केंद्र सरकार ने यूरोपीय संघ को कश्मीर जाने की अनुमति देकर नया सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। देश के कई बड़े नेता इस बात पर आपत्ति जता रहे हैं कि जब उन्हें कश्मीर जाने की इजाज़त नहीं दी गई तो फिर विदेशी नेताओं को किस आधार पर अनुमति मिल गई।
विदेशी सांसदों को मोदी सरकार ने कश्मीर जाने की दी इजाज़त, क्या देश में अमन का फैसला विदेशी करेंगे?
ग़ौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का आरोप लगाते रहे हैं। वह विदेश के कई मंचों से ये बात दोहरा चुके हैं कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दख़ल देने की ज़रूरत नहीं।
अब ख़ुद पीएम मोदी ने यूरोपीय संघ को कश्मीर के हालात का जायज़ा लेने की अनुमति दे दी है। ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है कि क्या इससे कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं होगा?