मोदी सरकार ने मदरसों पर इस बार नई योजना बनाई है। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने देश के अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए अगले पांच वर्ष का खाका खींच दिया है। सरकार ने तय किया है कि देश भर के मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसा शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

जिसके तहत मदरसे में पढ़ने वाले स्टूडेंट को मुख्यधारा की शिक्षा-हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर की शिक्षा दी जाएगी। सरकार के इस फैसले पर कई लोग तारीफ कर रहे है तो वही कुछ लोग है जो मोदी सरकार की नियत पर ही सवाल खड़ा कर रहें है।

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कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने सोशल मीडिया पर इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा- मदरसों की “मदद” करने की घोषणा “कांग्रेस” ने की होती, तो राहुल गांधी को “मुल्ला” और “पाकिस्तानी” कहा जाता, लेकिन अब अपने “पिताजी” को कोई कुछ भी नहीं कहेगा।

गौरतलब हो कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि सरकार अगले महीने से मुसलमानों के ऐसे अनौपचारिक संस्थानों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के साथ यह कार्यक्रम शुरू करने जा रही है।

नकवी ने कहा कि सरकार इस योजना पर भी काम कर रही है कि मदरसों से बाहर निकलने वाले छात्र जामिया मिलिया इस्लामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों से औपचारिक शिक्षा प्राप्त करें।

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