सरकार की एक और कंपनी इंडिया पोस्ट घाटे में जा चुकी है. बीएसएनएल और एयर इंडिया को पछाड़कर इंडिया पोस्ट सबसे बड़े घाटे वाली सरकारी कंपनी बन चुकी है. तीन वित्त वर्ष में इंडिया पोस्ट का घाटा 150% बढ़ गया है. यानी 2018-19 में यह घाटा बढ़कर 15000 करोड़ पहुंच गया है.  सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद से ही घाटा तिगुना होना शुरू हो गया. सैलरी तो बढ़ा दी लेकिन पारंपरिक डाक सेवाओं से राजस्व में निरंतर गिरावट देखी जा रही है.

भारतीय डाक विभाग के पास 1,54,802 पोस्ट ऑफिस हैं जिसमें से 812 हेड ऑफिस हैं, 24,566 सब पोस्ट ऑफिस और 1,29,424 ब्रांच पोस्ट ऑफिस हैं. कहा जा रहा है कि इंडिया पोस्ट के प्रदर्शन में सुधार लाने और उत्पाद लागत और मूल्य निर्धारण के बीच असंतुलन के चलते राजस्व प्रवाह को बढ़ावा नहीं मिला है.

साथ ही लोकप्रिय बचत योजनाओं, एक भुगतान बैंक और हाल ही में, यहां तक ​​की एक ई-कॉमर्स पोर्टल के साथ दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क चलाने वाली संस्था ने 20 वें वित्त वर्ष के लिए 19,203 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान लगाया है.

दूसरी ओर, बड़े पैमाने पर 4.33 लाख कार्यबल के लिए वेतन और भत्तों पर खर्च 17,451 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि पेंशन आउटगो लगभग 10,271 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है. इसका मतलब अब ये अंतर बढ़ता ही जाएगा और घाटा आसमान तक पहुंचना तय है.

इस विवाद पर कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार की चुटकी ली. उन्होंने ट्वीट कर अपनी बात लोगों तक तक रखी. उन्होंने भारतीय डाक विभाग को हो रहे घाटे के पीछे की वजह मोदी को बताया है और कहा की उन्होंने बिना छुट्टी लिए देश को बर्बाद करने के लिए काम किया.

कन्हैया ने ट्वीट में लिखा, ‘एयर इंडिया, BSNL, HAL के बाद अब भारतीय डाक विभाग की भी हालत ख़राब हो गई है और उसे 15,000 करोड़ रु. का घाटा हुआ है। देश यूँ ही बर्बाद नहीं हो रहा, चौकीदार साहेब ने इसके लिए हर दिन 20 घंटे काम किया है, वह भी बिना कोई छुट्टी लिए।’

अगर मोदी सरकार चाहती तो इंडिया पोस्ट को फायदा पंहुचा सकती थी अगर वह डिजिटल पेमेंट की कमान इस विभाग के हाथों सौंप देती. लेकिन फायदा पंहुचा पेटीएम को. याद करिए जिओ पेमेंट बैंक ने अप्रैल 2018 में अपना परिचालन शुरू किया और यह रेलाइन्स जिओ और भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई) के बीच पार्टनरशिप है.

साझेदारी के माध्यम से, एसबीआई रिलायंस जियो के दूरसंचार नेटवर्क का लाभ उठाएगा और रिलायंस की एसबीआई के व्यापक ग्राहक आधार तक पहुंच होगी. यदि ये पार्टनरशिप इंडिया पोस्ट के पोस्ट पेमेंट बैंक के साथ करवा देते तो इस नए पेमेंट बैंक को लाखों कस्टमर एक साथ मिल जाते और कर्मचारियों को काम भी मिलता. ग्रामीण क्षेत्रों में इंडिया पोस्ट को फायदा हो जाता.

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