
छत्तीसगढ़ के धमतरी में ईवीएम हैंकिंग को लेकर कांग्रेस नेताओं की तहसीलदार राकेश ध्रुव के ख़िलाफ़ की गई शिकायत को सही पाया गया है। जिसके बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार को निलंबित कर दिया गया है।
कांग्रेस ने तहसीलदार राकेश ध्रुव पर आरोप लगाया था कि वह अपने साथ अनाधिकृत व्यक्तियों को बगैर निर्वाचन आयोग व जिला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति के स्ट्रॉंग रूम के भीतर प्रवेश करा दिया था।
जबकि निर्वाचन आयोग के नियमों के मुताबिक, स्ट्रांग रूम में कोई भी व्यक्ति अनाधिकृत रूप से प्रवेश नहीं कर सकता।
कांग्रेस की शिकायत के बाद इस मामले की जिला निर्वाचन अधिकारी धमतरी से रिपोर्ट मंगवाई गई थी। रिपोर्ट की जांच के बाद शिकायत सही पाई गई, जिसके आधार पर तहसीलदार राकेश ध्रुव के खिलाफ़ कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया।
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निलंबन का यह आदेश रायपुर संभाग के कमिश्रर जीआर सुरेंद्र ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देश पर जारी किया है। निलंबन अवधि में ध्रुव को मुख्यालय कलेक्टोरेट कार्यालय रायपुर में नियत किया गया है।
ग़ौरतलब है कि मंगलवार की दोपहर धमतरी जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर 2 सरकारी अधिकारियों को स्ट्रांग रूम में जाने की अनुमति दी गई थी।
इनमें से एक पटवारी था जबकि दूसरा अधिकारी तहसीलदार राकेश ध्रुव था। इन दोनों के साथ 3 अज्ञात लोग भी स्ट्रांग रूम में घुस गए थे।
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ये सभी अपने हाथों में मोबाइल और लैपटॉप लिए हुए थे, जबकि भारत निर्वाचन आयोग के नियम और निर्देशों के मुताबिक स्ट्रांग रूम में किसी भी तरह का इलक्ट्रोनिक डिवाइस, मोबाइल और लैपटॉप ले जाना मना है। मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी।