कांग्रेस नेता अलका लांबा ने अपनी जातिवादी मानसिकता का प्रदर्शन करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती पर बेहद ही अशोभनीय टिप्पणी की है। दलित समाज की सबसे बड़ी नेता की तुलना मेंढकी से करते हुए अलका ने तमाम अपशब्द लिखे।
अपने ट्विटर अकाउंट पर अलका लांबा ने लिखा- माया की धनी उस बरसाती मेढ़की की तरह है जो मात्र चुनावी बरसातों में ही अपने आशियाने से बाहर आती है…#CBI के डर से कभी कभी बीच बीच में टर्र टर्र कर राजा के प्रति अपनी श्रद्धा भी दिखाती रहती है.
माया की धनी उस बरसाती मेढ़की की तरह है जो मात्र चुनावी बरसातों में ही अपने आशियाने से बाहर आती है… #CBI के डर से कभी कभी बीच बीच में टर्र टर्र कर राजा के प्रति अपनी श्रद्धा भी दिखाती रहती है ???.#उत्तरप्रदेश #Covid_19 #lockdown4
— Alka Lamba India ??? (@LambaAlka) May 19, 2020
अलका के इस ट्वीट में न सिर्फ मायावती की तुलना मेढकी से की गई थी बल्कि उनके वाक्य विन्यास में भी अनादर की भावना को तरजीह दी गई है।
इसी से नाराज़ होते हुए तमाम लोग अलका लांबा के खिलाफ लिखने और बोलने लगे कि राजनैतिक विरोध अलग बात है लेकिन दलित समाज से आने वाली एक वरिष्ठ महिला नेता के बारे में इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसी क्रम में अलका लांबा के ट्वीट का जवाब देते हुए भीम आर्मी के संयोजक चंद्रशेखर आजाद रावण ने लिखा- ‘@LambaAlka द्वारा बहन जी पर की गई टिप्पणी पूर्णतः जातिवादी एवं महिला विरोधी है। स्पष्ट कर दूं कि राजनीति अपनी जगह लेकिन अपने बड़ों का अपमान हरगिज बर्दाश्त नहीं। बहन जी से नीतियों पर मेरा मतभेद है पर उनके प्रति मेरे दिल में असीम सम्मान है। अलका लांबा आपको माफी मांगनी चाहिए।’
@LambaAlka द्वारा बहन जी पर की गई टिप्पणी पूर्णतः जातिवादी एवं महिला विरोधी है। स्पष्ट कर दूं कि राजनीति अपनी जगह लेकिन अपने बड़ों का अपमान हरगिज बर्दाश्त नहीं। बहन जी से नीतियों पर मेरा मतभेद है पर उनके प्रति मेरे दिल में असीम सम्मान है।
अलका लांबा आपको माफी मांगनी चाहिए। https://t.co/Z5Sdsf5JxA
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) May 21, 2020
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने लिखा-
बहन @LambaAlka आपको नहीं लगता आप ज़्यादा बोल रही हैं? बहन मायावती जी से मेरी और कई लोगों की असहमति है पर बरसाती मेंढक बोलना कहाँ तक सही है? 2002 के बाद 2004-2014 तक आपके पास CBI था सही इस्तेमाल किये होते तो गृह मंत्री- प्रधानमंत्री कोई और होता?
बहन @LambaAlka आपको नहीं लगता आप ज़्यादा बोल रही हैं? बहन मायावती जी से मेरी और कई लोगों की असहमति है पर बरसाती मेंढक बोलना कहाँ तक सही है? 2002 के बाद 2004-2014 तक आपके पास CBI था सही इस्तेमाल किये होते तो गृह मंत्री- प्रधानमंत्री कोई और होता? pic.twitter.com/u7yhfo2d2b
— Prashant Kanojia (@PJkanojia) May 21, 2020
जाहिर है कि अलका लांबा का विरोध इसलिए नहीं हो रहा है कि वह किसी प्रतिद्वंदी नेता का राजनैतिक विरोध कर रही हैं बल्कि इसलिए हो रहा है कि दलित समाज से आने वाली एक वरिष्ठ नेता का अनादर कर रही हैं।
गौरतलब है कि डेढ़ साल पहले इसी तरह की एक और घटना घटी थी जब बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश नारायण ने सोनिया गांधी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। इसपर तुरंत संज्ञान लेते हुए मायावती ने अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पर दंडात्मक कार्रवाई की थी, उन्हें उनके पद से हटा दिया था।
हालांकि राजनीति में विरोधियों के प्रति मर्यादा बनाए रखने की ये कोशिश अभी तक कांग्रेस की ओर से नहीं नजर आ रही है क्योंकि कांग्रेस के किसी भी वरिष्ठ नेता ने इसपर अभी प्रतिक्रिया नहीं दी है।