एक वक़्त था जब भारतीय जनता पार्टी में अटल विहारी वाजपयी से ज्यादा लाल कृष्ण आडवाणी का बोल बाला था।प्रधानमंत्री पद से लेकर पार्टी के अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी पार्टी के सह-संस्थापक लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेता तय किया करते थे। लेकिन आज लोकसभा टिकट देना तो दूर की बात इन्हें बीजेपी स्टार प्रचार की सूची में जगह नहीं दी गई है।

दरअसल बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची में जिन बीजेपी नेताओं के नाम शामिल किए गए हैं, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल, थावरचंद गहलोत, जगत प्रकाश नड्डा प्रमुखता से हैं।

40 स्टार प्रचारकों की सूची में  संजीव बालियान, श्रीकांत शर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्य, लक्ष्मीकांत बाजपेयी, चेतन चौहान, धर्म सिंह सैनी, भूपेंद्र सिंह चौधरी, सुरेश राणा, अश्वनी त्यागी, रजनीकांत माहेश्वरी, अजय कुमार और भवानी सिंह जैसे नाम भी शामिल है मगर आडवाणी जोशी या कहें मार्गदर्शक मंडल को सीधे सीधे बाहर रास्ता दिखा दिया है।

चुनाव ना हारने वाले आडवाणी का टिकट कटा और चुनाव न जीतने वाली ईरानी को टिकट मिला

वहीं बीजेपी अध्यक्ष रहें मुरली मनोहर जोशी और आडवाणी को लोकसभा टिकट भी नहीं दिया गया है। दोनों ही नेताओं ने टिकट कटने पर अपनी नाराजगी ज़ाहिर करते हुए कहा कि हमें टिकट काटने के तरीके से दिक्कत है की हमसे इस बारें में कोई चर्चा भी नहीं और टिकट काट दिया गया।

वहीं विपक्षी इस मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधने में चूक नहीं रहें है। आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने लिखा- अटल जी रहे नहीं, वरना आज उनका भी टिकट कट रहा होता, आडवाणी जी टिकट कटने के बाद नाराज़ हैं।

मुरली मनोहर जोशी का भी टिकट कटा, केजरीवाल बोले- जिन्होंने घर बनाया उन्हीं को बाहर निकाल दिया

जोशी जी लगता नही शान्त रहने वाले हैं,क्यों कि वह अभी भी पूरी तरह से सक्रिय हैं और चुनाव लड़ना भी चाहते थे। सुषमा जी को पहले ही समझ आ गई थी,खुद ही पूछे हट गईं, उमा जी को भी पता था, ईरानी

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