सुप्रीम कोर्ट से दोबारा सीबीआई निदेशक पद पर बहाली मिलने के बाद आलोक वर्मा पूरे फ़ॉर्म में चल रहे हैं। 77 दिन बाद सीबीआई मुख्यालय पहुँचे सीबीआई चीफ़ ने उनकी ग़ैरमौजूदगी में किए गए सारे ट्रांसफ़र कैंसल कर दिए। ये सारे ट्रांसफ़र ऑर्डर एम नागेश्वर राव ने दिए थे। जो वर्मा की ग़ैरमौजूदगी में सीबीआई के अंतरिम निदेशक बनाए गए थे।

सीबीआई चीफ़ ने आज 10 जनवरी को अपने ऑफ़िस के दूसरे दिन ताबड़तोड़ पाँच अधिकारियों के तबादले भी किए हैं।

जिन अधिकारियों के तबादले को वर्मा ने रोका है उनमें वो अधिकारी भी शामिल थे जो राकेश आस्थाना के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोपो की जाँच कर रहे थे।

राहुल गाँधी ने मोदी पर साधा निशाना-

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सीबीआई के दोबारा निदेशक बने आलोक वर्मा और राफ़ेल केस में फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रेसिडेंट का कहना है कि, पीएम मोदी आलोक वर्मा को हटाने के लिए इतनी जल्दबाज़ी में क्यों हैं?

राहुल गाँधी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा-

पीएम सीबीआई चीफ़ को बर्ख़ास्त करने की जल्दबाज़ी में क्यों हैं?

वो सीबीआई चीफ़ को सेलेक्शन कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने की इजाज़त क्यों नहीं देंगे?…. जवाब है राफ़ेल

राहुल हमेशा से कहते आए हैं कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा राफ़ेल जाँच की शुरुआत करने वाले थे। जिससे मोदी जी लपेटे में आ जाते। इसलिए आनन-फ़ानन में मोदी सरकार ने आधी रात को आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेज दिया था।

हालांकि अब खबर आ रही है कि सरकार पर खतरा बढ़ता देख सेलेक्ट कमिटी ने आलोक वर्मा को हटा दिया है

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