सीबीआई (CBI) निदेशक का पद संभालते ही आलोक वर्मा (Alok Verma) फिर से एक्शन में आ गए थे। मगर उससे पहले ही प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सेलेक्ट कमेटी ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है। हालांकि कमिटी के सदस्य खड़गे ने इसका विरोध किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो तीन सदस्यीय कमेटी में मोदी और जस्टिस सीकरी अलोक वर्मा को हटाने को लेकर फैसला लिया है।

दरअसल आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने के बाद 1986 बैच के ओडिशा काडर के आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव को 23 अक्टूबर, 2018 को सीबीआई निदेशक के दायित्व और कार्य सौंपे गए थे।

इसके बाद अलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे जहां कोर्ट ने वर्मा को बहाल कर दिया था मगर कोई भी नीतिगत फैसला लेने पर रोक लगा दी थी।   

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बता दें कि इससे पहले 77 दिन बाद सीबीआई मुख्यालय पहुँचे सीबीआई चीफ़ ने उनकी ग़ैरमौजूदगी में किए गए सारे ट्रांसफ़र कैंसल कर दिए। ये सारे ट्रांसफ़र ऑर्डर एम नागेश्वर राव ने दिए थे। जो वर्मा की ग़ैरमौजूदगी में सीबीआई के अंतरिम निदेशक बनाए गए थे।

सीबीआई चीफ़ ने आज 10 जनवरी को अपने ऑफ़िस के दूसरे दिन ताबड़तोड़ पाँच अधिकारियों के तबादले भी किए हैं।

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