नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनते ही भारत को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका ने भारत को विशेष तरजीह वाले देशों की सूची से बाहर कर दिया है। ये नियम 5 जून से लागू हो जाएगा।
ख़बरों के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जेनरेलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) व्यापार कार्यक्रम के तहत भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा खत्म कर दिया है। ट्रंप ने इस बात की घोषणा 4 मार्च को की थी। उन्होंने कहा था कि वह जीएसपी कार्यक्रम से भारत को बाहर करने वाले हैं।
इसके बाद 60 दिनों की नोटिस अवधि तीन मई को समाप्त हो गई। अब इस संबंध में किसी भी समय औपचारिक अधिसूचना जारी की जा सकती है। ट्रंप ने भारत को जीएसपी कार्यक्रम से बाहर करने की वजह भारत सरकार के असहयोग को बताया है।
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उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘मैंने तय किया है कि भारत ने अमेरिका को अपने बाजार तक समान और तर्कपूर्ण पहुंच बनाने का आश्वासन नहीं दिया है, इसलिए पांच जून, 2019 से भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करना बिल्कुल सही है।’
ट्रंप ने यह फैसला अमेरिका के तमाम शीर्ष सांसदों की अपील को ठुकराते हुए लिया है। सांसदों का कहना था कि इस कदम से अमेरिकी उद्योगपतियों को प्रतिवर्ष 30 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उम्मीद जताई है कि यह मुद्दा नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसे समय-समय पर आपसी तालमेल से सुलझाया जा सकता है।
भारत की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘किसी भी संबंध विशेष रूप से आर्थिक संबंधों के क्षेत्र में मुद्दे होते हैं, जिन्हें समय-समय पर आपसी समझ से सुलझाया जा सकता है। हम इस मुद्दे को नियमित प्रक्रिया के हिस्से के तहत देखते हैं और हम अमेरिका के साथ हमारे मजबूती संबंधों का निर्माण जारी रखेंगे।’
क्या है GSP दर्जा?
जीएसपी अमेरिका का सबसे बड़ा और पुराना व्यापार तरजीही कार्यक्रम है। इसकी शुरुआत 1976 में विकासशील में आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए की थी। इसका लक्ष्य लाभार्थी देश के हजारों उत्पादों को बिना प्रवेश शुल्क (एंट्री फीस) की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।