लोकसभा चुनाव के नतीजों से 5 दिन पहले आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुप्रतिक्षित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ही ली। उनकी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि वह प्रेस के ज़रिए जनता के सवालों का जवाब देंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने यहां पत्रकारों से एक भी सवाल नहीं लिया!

ऐसा नहीं था कि पत्रकारों ने पीएम मोदी से सवाल नहीं पूछा। बीजेपी मुख्यालय में हुई इस प्रेस कांफ्रेंस में कई पत्रकारों ने पीएम से सवाल किए लेकिन उसका सामना बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने पास ही रोक लिए और जवाब दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने के बावजूद पत्रकारों के सवाल पर पीएम मोदी की खामोशी पर सवाल उठने लगे।

सोशल मीडिया पर विपक्ष से लेकर पत्रकारों तक ने पीएम मोदी की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को आड़े हाथों लिया। अब ‘द टेलीग्राफ’ ग्रुप के बंगाली अखबार ‘आनंदबाज़ार पत्रिका’ ने पीएम मोदी की इस खामोशी पर ज़ोरदार कटाक्ष किया है। अखबार ने पीएम मोदी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की ख़बर को ‘नीरव मोदी’ हेडलाइन के साथ छापा है।

बता दें कि नीरव बंगाली में गूंगे को कहा जाता है। अख़बार ने पीएम मोदी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखते हुए इसे ‘नीरव मोदी’ हेडलाइन दी है और साथ ही पीएम मोदी की ऐसी तस्वीरें लगाई हैं, जिनमें वह पूरी तरह से खामोश बैठे नज़र आ रहे हैं।

गूंगे के लिए बंगाली में और भी शब्द हैं, लेकिन यहां अखबार ने नीरव शब्द का ही इस्तेमाल क्यों किया? इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि अखबार नीरव शब्द के इस्तेमाल से पीएम मोदी को भगौड़े नीरव मोदी जोड़ना चाहता है!

ग़ौरतलब है कि नीरव मोदी अपने वित्तीय धोखाधड़ी के प्रकाश में आने के एक हफ्ते पहले दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करते देखे गए थे। जिसके बाद विपक्ष ने नीरव मोदी को पीएम मोदी का करीबी बताया था।

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