प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को केदारनाथ धाम के ‘भव्य’ दर्शन किए। भव्य दर्शन इसीलिए कहा जा रहा है क्योंकि पीएम मोदी के लिए यहाँ मुख्य मंदिर के पास ‘रेड कार्पेट’ बिछाया गया था। मानों यह कोई फैशन शो ‘मेट गाला’ का कार्पेट हो। वैसे आमतौर पर श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन नंगे पैर करते हैं। लेकिन मोदी तो देश के प्रधानमंत्री हैं। उनके लिए सब मुमकिन है। भले ही वो अपनी जाति ‘गरीब’ बताते हों।

लेकिन, सही मायने में जो करीब भक्त होते हैं वो इस तरह से रेड कार्पेट पर कैमरे के साथ नहीं जाते। शिव के दरबार में सभी आम भक्त उनके लिए भक्त ही होते हैं चाहे वो नंगे पांव मंदिर जाएं या रेड कार्पेट पर।

भगवान शिव के प्रमुख मंदिरों में से एक केदारनाथ धाम में आम दिनों में चहल-पहल देखी जाती है। जहां मंदिर परिसर में कोई ‘रेड कार्पेट’ नहीं बिछाया जाता। लेकिन आज पीएम मोदी के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया। मगर, यहाँ सवाल ये है कि जब शिव भक्तों के लिए मंदिर परिसर में आम दिनों में ऐसी भव्यता नहीं होती तो अब एक दिन के लिए पीएम मोदी के लिए क्यों?

केदारनाथ में रेड कार्पेट पर दिखे मोदी, रवीश बोले- भक्ति के नाम पर अभिनय कर रहे हैं प्रधानमंत्री

पीएम मोदी केदारनाथ धाम दर्शन करने पहुंचे तो उनके साथ मीडिया क्यों पहुंचा हुआ है? जब मीडिया मोदी के साथ केदारनाथ में मौजूद है तो फिर उसका चुनाव से एक दिन पहले टीवी पर लाइव टेलीकास्ट क्यों किया जा रहा है? सभी को मालूम है कि 7 वें और अंतिम चरण के मतदान के लिए आचार संहिता लग चुकी है। ऐसे में क्या पीएम मोदी टीवी पर ‘हिंदुत्व एजेंडा’ फैलाकर अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करके एक खास तबके के वोटरों को आकर्षित कर रहे हैं?

बता दें कि पीएम मोदी ने शनिवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर भगवान के शिव दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने एक गुफा में बैठकर ध्यान लगाया जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

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