हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों का एनकाउंटर किए जाने के बाद लोगों की मिली-जुली राय सामने आ रही है। जहां कुछ लोग इसपर सवाल खड़े कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसी तर्ज़ पर और रेप आरोपियों को सज़ा देने की मांग कर रहे हैं।

सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अंकित लाल ने भी तंज़िया अंदाज़ में कुछ इसी तरह की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “आसाराम, कुलदीप सेंगर, चिन्मयानंद आदि को क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए कब ले जाया जाएगा?”

अंकित लाल भले ही तंज़ के तौर पर रेप के आरोपियों को गोली मारे जाने की वकालत कर रहे हों, लेकिन वह इस एनकाउंटर को संवैधानिक दृष्टि से जायज़ नहीं ठहरा सकते। देश के कई पत्रकारों, समाजसेवियों और पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने इस एनकाउंटर को सीधे तौर पर संविधान विरोधी बताया है।

बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने भी इस तरह के एनकाउंटर को देश के लिए खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि इस तरह तो अदालत और कानून का कोई फायदा ही नहीं, जिसको मन हो बंदूक  उठाओ जिसको मारना हो मारो। कानूनी प्रक्रिया में गए बिना आप उसे मार रहे हो तो फिर कोर्ट, कानून और पुलिस का क्‍या औचित्‍य रह जाएगा’।

हैदराबाद एनकाउंटर पर बोलीं मेनका- ये देश के लिए खतरनाक है, ऐसे तो किसी को भी मारा जा सकता है

इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस एनकाउंटर पर आपत्ति जताते हुए कहा कि न्यायिक व्यवस्था से परे इस तरह के एनकाउंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते।

उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, ‘हमें और जानने की जरूरत है। यदि क्रिमिनल्स के पास हथियार थे तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई को सही ठहरा सकती है। जब तक पूरी सच्चाई सामने न आए तब तक हमें निंदा नहीं करनी चाहिए। लेकिन कानून से चलने वाले समाज में इस तरह का गैर-न्यायिक हत्याओं को सही नहीं ठहराया जा सकता।’

कैसे किया गया एनकाउंटर-

पुलिस के मुताबिक, अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के बाद आज सुबह पुलिस इन चारों आरोपियों को सीन को रिक्रिएट करने के लिए घटनास्थल पर ले गई थी। लेकिन जब पुलिस आरोपियों के साथ घटनास्थल पर पहुंची तो उनमें से एक आरोपी पुलिसकर्मी का हथियार छीन कर भागने लगा। जिसके बाद चारों आरोपी अलग-अलग दिशा में भागने लगे। आरोपियों को भागता देख पुलिस ने उनपर फायरिंग कर दी। जिसमें चारों आरोपी मारे गए।

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