नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ लोग और छात्र सड़क पर विरोध कर रहे हैं। देश के तमाम इलाकों में लोग भारी विरोध कर रहे है। बता दें कि इस नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के लगभग सभी सरकारी यूनिवर्सिटियों के छात्र इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
पिछले कई दिनों से नार्थ ईस्ट के राज्यों से प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़प की खबरे आ रही हैं। जहां दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं असम, त्रिपुरा और मेघालय में विरोध प्रदर्शन इतना गर्म हो चुका है कि देश के गृहमंत्री अमित शाह को अपना दौरा रद्द करना पड़ा है।
वहीं जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के छात्र इस नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। जिनको दिल्ली पुलिस ने रविवार की रात काफी बेरहमी से पीटा। जामिया के छात्रों को पुलिस ने उनके हॉस्टल और लाइब्रेरी में घूस कर लाठियाँ, आंसू गैस और यहां तक की छात्रों के ऊपर गोलियों तक चलाई है।
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बता दें कि यहीं हाल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का भी है। जहां छात्रों के ऊपर लाठियों से ज्यादा पुलिस ने गोलियां चलायी है। जहां पर कईं छात्र हॉस्पिटल के अंदर गंभीर हालत में भर्ती हैं।
दरअसल इस नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहें लोगों का कहना है कि यह कानून संविधान के खिलाफ है। इस कानून में धर्म के आधार पर लोगों को बांटा जा रहा है। जिससे भारत की धर्मनिरपेक्षता को ख़तरा है। हम संविधान बचाने के लिए इस कानून का विरोध कर रहे है। लेकिन यह मोदी सरकार हमारे ऊपर पुलिस द्वारा सुनियोजित हमले करा के इस विरोध प्रदर्शन को कुचलना चाहती है।
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देश में नागरिक कानून के विरोध कर रहे लोगों के ऊपर पुलिस और सरकार द्वारा हमले को लेकर फिल्म निर्देशक अनुभव सिन्हा ने ट्वीट कर कहा- ‘ये ग़लत बात है गुरु, मतलब हमसे वोट ले के सरकार बनाइएगा और फिर हमीं से बोलिएगा कि prove करो साला तुम Indian है कि नहीं’।
ये ग़लत बात है गुरु, मतलब हमसे वोट ले के सरकार बनाइएगा और फिर हमीं से बोलिएगा कि prove करो साला तुम Indian है कि नहीं।
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) December 16, 2019