नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) के मुद्दे पर असम सरकार केंद्र की मोदी सरकार से सहमत नज़र नहीं आ रही। असम सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई NRC को स्वीकार नहीं करते हुए इसे रद्द किए जाने की मांग की है।

बुधवार को गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्वा सरमा ने कहा कि पार्टी ने गृह मंत्री अमित शाह से वर्तमान स्वरूप में एनआरसी को खारिज करने का आग्रह किया है। असम सरकार ने NRC को स्वीकार नहीं किया है। असम सरकार और बीजेपी ने गृह मंत्री से NRC को अस्वीकार करने का अनुरोध किया है।

सरमा ने कहा कि राज्य सरकार पूरे देश के लिए एक एनआरसी चाहती है और इसके लिए एक ही कट-ऑफ तारीख तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कट-ऑफ डेट 1971 रखी जाती है तो पूरे देश के लिए यही होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने साफ किया कि उनकी सरकार असम समझौते को रद्द करने की मांग नहीं कर रही है।

ग़ौरतलब है कि हेमंत बिस्वा शर्मा शुरुआत से ही एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में खामियां बताते हुए विरोध करते रहे हैं। असम सरकार द्वारा नई एनआरसी तैयार किए जाने की मांग इस वजह से की जा रही है क्योंकि बांग्लादेश से 1971 के बाद आने वाले तमाम हिंदू भी इस लिस्ट से बाहर हैं। ऐसे में बीजेपी को एक बड़े वर्ग की नाराज़गी का ख़तरा है।

बता दें कि असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट 31 अगस्त को जारी की गई थी। इस लिस्ट से 19 लाख से अधिक लोग बाहर हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here