आईआईटी मद्रास में एमए फस्ट ईयर की एक छात्रा फातिमा लतीफ ने रहस्यमयात्मक तौर से आत्महत्या कर ली है। फातिमा ने 9 नवंबर को अपने हॉस्टल में फांसी लगा ली थी। आशंका जताई जा रही है कि छात्रा ने एक प्रोफेसर के दबाव में आकर आत्महत्या की है। फातिमा ने आत्महत्या करने से पहले अपने एक नोट लिखा है जिसमें उसने एक प्रोफेसर का नाम लिया है। वहीं परिजनों के मुताबिक जिस प्रोफेसर पर आरोप है वो छात्रों को परेशान करता था।
फातिमा ने अपने मोबाइल में एक नोट में लिखा है कि, सुदर्शन पद्मनाभ मेरी मौत का जिम्मेदार है।” जबकि फातिमा के पिता अब्दुल लतीफ के मुताबिक, “इस मामले में पुलिस ने सुसाइड का केस दर्ज किया है। साथ ही दावा किया है कि मौके से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। उन्होंने फातिमा के फोन में लिखे एक नोट का जिक्र करते हुए के अध्यापक का नाम लिया है। फातिमा के नोट में एक प्रोफेसर का नाम लिखा है जो उसकी मौत का कारण हो सकता है।”
फातिमा लतीफ कोई आम लड़की नहीं टॉपर थी, उसको मारकर उन्होंने देश का नुकसान किया है
फातिमा की आत्महत्या के मामले में भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आज़ाद ने ट्वीट करके कहा है कि, अगर आईआईटी जैसे संस्थानों में भी मुस्लिम और बहुजन छात्र सुरक्षित नहीं हैं तो इन संस्थाओं में ताला लगा दो। चन्द्रशेखर आज़ाद ने अपने ट्वीट में लिखा कि,
“सरकारी संस्थानों में बैठे मनुवादी मानसिकता के बौद्धिक आतंकवादी कभी रोहित वेमुला, पायल तडवी को आत्महत्या पर मजबूर करते हैं, कभी फातिमा लतीफ़ की जान लेते हैं। अगर IIT जैसे संस्थानों में भी मुस्लिम और बहुजन छात्र सुरक्षित नहीं हैं तो इन संस्थाओं में ताला लगा दो।”
सरकारी संस्थानो मे बैठे मनुवादी मानसिकता के बौद्धिक आतंकवादी कभी रोहित वेमुला,पायल तड़वी को आत्महत्या पर मजबूर करते हैं,कभी फातिमा लतीफ की जान लेते हैं।अगर IIT जैसे संस्थानो में भी मुस्लिम और बहुजन छात्र सुरक्षित नहीं हैं तो इन संस्थानों मे ताला लगा दो।#JusticeForFathimaLatheef
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) November 14, 2019
फातिमा के पिता ने आगे बताया, “फातिमा ने कभी ऐसी कोई बात या हरकत नहीं की, जिससे लगे कि वो आत्महत्या कर लेगी। न ही फातिमा को कोई मानसिक बीमारी थी। उसकी मौत एक रहस्य है। उसने पहले भी प्रोफेसर के बारे में बताया था, जो छात्रों को परेशान करता थे। फातिमा रोजाना रात 9 बजे मेस हॉल में बैठकर रोती थी।”
IIT मद्रास में होनहार फातिमा ने की आत्महत्या: मुस्लिम होकर भी टॉप करती थी, इसलिए होता था उत्पीड़न
साथ ही फातिमा के पिता ने कहा- मेरी बेटी इसलिए भी टॉर्चर की जाती थी कि वो एक मुस्लिम होकर भी साल दर साल टॉप कर रही थी। फातिमा ने पिछले साल आईआईटी एंट्रेंस परीक्षा में नेशनल लेवल पर सबसे ज्यादा नंबर हासिल किया था।
पिता ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इंसाफ की गुहार लगाई है।
फातिमा लतीफ केरल के कोल्लम जिले की रहने वाली थी। वो ह्यूमैनिटीज एंड डिवेलपमेंट स्टडीज इंटीग्रेटेड विषय में एमए फस्ट ईयर की छात्रा थी। फातिमा काफी होशियार थी वो अपने क्लास में सबसे टॉपर थी।