भूटान की विदेश और रक्षा नीति पर भारत का हमेशा से एक अहम रोल रहा है, जहां सदियों से भारतीय नागरिक उस देश में छुट्टियां बिताने फ्री में जाते रहे है। लेकिन अब जाना महंगा हो चुका है। भूटान ने अब भारत सहित बांग्लादेश और मालदीव के पर्यटकों की मुफ्त इंट्री पर रोक लगा दी है।
भूटान घूमने जाना है तो अब आपकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वयस्क भारतीयों को एक दिन भूटान घूमने का 1200रू देना होगा। जबकि 6 से 12 साल के बच्चों के लिए 600रू प्रति दिन के हिसाब से फीस देना होगा। पहले ऐसे किसी तरह की कोई चार्ज आपको नहीं देना होता था।
भूटान असेंबली ने इस फीस को लगाने के लिए टूरिज्म लेवी एंड एक्सम्पशन बिल ऑफ भूटान, 2020 नाम के बिल को पास किया है। हालांकि दूसरे देशो की तुलना में ये रकम काफी कम है। अन्य देशों के पर्यटकों को इस फीस का चार गुणा देना होता है।
भारतीय नागरिकों के भूटान जाने के लिए वीज़ा की जरूरत नहीं होती। बस दो वैध डॉक्यूमेंट्स लेकर जा सकते है। ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स के तौर पर वे भारतीय पासपोर्ट ले जा सकते थे जो कम से कम 6 महीने के लिए वैध हो या वोटर आईडी कार्ड भी इसका काम कर देता था।
अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है, बीजेपी अपनी विदेश नीति की वाहवाही करने और नरेंद्र मोदी की पड़ोसी पहले वाली नीति की तारीफ करने का कोई मौका नहीं छोड़ती है, तो वहीं बॉक्सर और कांग्रेस नेता विजेंद्र सिंह ट्वीट कर मोदी सरकार की विदेश नीति पर तंज कसाते हुए लिखा, “भाई अब तो भूटान ने भी फ्री एंट्री बंद कर दी, लगता है अब हम विश्व शक्ति बन गए”
भाई अब तो भूटान ने भी फ़्री एंट्री बंद करदी लगता है हम विश शक्ति बन गये ?
— Vijender Singh (@boxervijender) February 5, 2020
आपको बता दे कि भारत और भूटान के बीच एक लम्बे अर्से से मधुर संबंध रहे हैं। साल 1949 में दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ था। इस समझौते के मद्देनजर भारत, भूटान की विदेश और रक्षा नीति देखता आ रहा था। वर्ष 2007 में इस समझौते में कुछ बदलाव किया गया।
जिसके तहत विदेश और रक्षा नीति में पूरी तरह से भारत का स्वामित्व नहीं रहा, भूटान को अपनी इन नीतियों पर अपने ढंग से फैसला लेने का अधिकार दिया गया। साथ ही 2008 में भूटान अब राजतंत्र देश ना होकर एक लोकतांत्रिक देश बन गया है।