सोनभद्र नरसंहार मामले में नए ख़ुलासे सामने आए हैं, जिससे ये साफ़ तौर पर साबित होता है कि आदिवासियों के क़त्लेआम के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और सूबे की योगी सरकार ज़िम्मेदार है।
दरअसल, सोनभद्र के दुद्दी से अपना दल के विधायक हरिराम चेरो का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा गया एक पत्र सामने आया है, जिससे ये साबित होता है कि सीएम योगी सोनभद्र के ज़मीन विवाद से अच्छी तरह से अवगत थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की।
विधायक चेरो ने 14 जनवरी को सीएम योगी को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने सीएम योगी से ऊम्भा गांव के आदिवासियों के लिए न्याय की मांग करते हुए मामले की स्वतंत्र जांच कराने की अपील की थी। लेकिन इसके बावजूद सीएम योगी ने आदिवासियों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
सोनभद्र: योगी ने बच्ची से पूछा- स्कूल जाती हो? रिश्तेदार बोले- इसकी माँ मारी गई है, इसे न्याय चाहिए
हरिराम चेरो ने पत्र में मामले की पूरी जानकारी दी थी। उन्होंने साफ़ तौर पर बताया था कि आदिवासियों की ज़मीन पर भू-माफियाओं कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए आदिवासियों को डरा-धमका रहे हैं।
इस बारे में सिर्फ सीएम योगी को ही नहीं बल्कि बीजेपी के पूर्व यूपी चीफ महेन्द्रनाथ पांडे को भी जानकारी थी। गांव के करीब 22 आदिवासियों ने महेन्द्रनाथ पांडे को पत्र लिखकर अपील की थी कि उनके जीवन, उनकी पत्नियों और बेटियों को भूमि पर कब्जा करने वालों से बचाएं और मामले की जांच का आदेश दें।
अचानक ट्रंप के झूठ गिनाने लगा भारतीय मीडिया, लोग बोले- फिर भी अपने वाले से पीछे ही होगा
12 जनवरी को लिखे गए पत्र में ये भी बताया गया था कि कैसे 60 के दशक के अंत में स्थापित सहकारी समितियों ने स्थानीय प्रशासन की मदद से आदिवासियों से संबंधित ज़मीन को छीन लिया और उन्हें निजी मालिकों/संस्थाओं को बेच दिया।
बता दें कि बुधवार को सोनभद्र के घोरावल गांव में ज़मीन पर कब्ज़े को लेकर भू-माफियाओं ने तीन महिलाओं समेत नौ आदिवासियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आदिवासियों का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने ज़मीन को खाली करने से इनकार कर दिया था, जिससे नाराज़ ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त ने आदिवासियों पर गोली चलवा दी। जिसमें 9 लोगों की मौके पर मौत हो गई और तकरीबन दो दर्जन लोग बुरी तरह से घायल हुए थे।