भले ही संकट की इस घड़ी में पूरी दुनिया कोरोना से लड़ाई लड़ने में लगी है लेकिन हमारे देश में तमाम राजनेता हिंदू-मुस्लिम को आपस में लड़ाने के मौके ढूंढ रहे हैं। ऐसे ही एक राजनेता हैं, अर्जुन सिंह, जो भारतीय जनता पार्टी से सांसद हैं।
इन्होंने एक घायल मुसलमान की वीडियो को शेयर करते हुए उसे ‘पीड़ित हिंदू’ बता दिया और मामले को पूरा कम्युनल बना दिया।
फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करते हुए अर्जुन सिंह लिखते हैं ‘कब तक हिंदुओं का खून बहेगा दीदी, मजाक बनाकर रख दिया है आपने और आप की राजनीति ने, बंगाल में हिंदुओं का।’
इससे साफ हो जाता है कि भाजपा सांसद अर्जुन सिंह पूरी कोशिश कर रहे हैं कि इस मामले को हिंदू-मुस्लिम एंगल से देखा जाए और पीड़ित को हिंदू समझा जाए। इसके बाद तमाम लोग यही वीडियो पोस्ट करने लगे और अपुष्ट खबर के आधार पर ही लोगों का ‘हिंदुत्व’ उबाल मारने लगा।
हालांकि मामले की पड़ताल करने पर बीजेपी नेता का दावा झूठा पाया गया है इस बात की पुष्टि की है फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ ने।
पड़ताल के बारे में डिटेल देते हुए ऑल्ट न्यूज़ ने लिखा कि यही वीडियो मोहम्मद ज़िम नवाज नाम के सामाजिक कार्यकर्ता के फेसबुक पोस्ट पर पाई गई- जिनका दावा था कि वीडियो में दिख रहा घायल शख्स मुस्लिम समुदाय से है और उसका नाम मंजूर आलम है जो 38 साल का है और एक जूट मिल में काम करता है।
इसकी पुष्टि के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने सामाजिक कार्यकर्ता नवाज से संपर्क साधा, जिन्होंने पीड़ित आलम से बात करवाई।
वीडियो में घायल दिखने वाले शख्स आलम ही थे उन्होंने खुद ही बताया- “रोज़े के बाद मैं अपने परिवार के साथ बैठा हुआ था, कुछ लोग हथियार लेकर आए और यहां जहां हम लोग नमाज पढ़ते हैं वहीं हमें घेरकर मारने लगे। पहले उन्होंने मेरे सिर पर चाकू से हमला करने की कोशिश की मगर मैंने हाथ लगा लिया। हालांकि बाद में मेरे सिर पर चोट लगी और खून बहने लगा। मैं वही शख्स हूं जिसके खून बहने का वीडियो आया है। मुझे उसके बाद अस्पताल ले जाया गया और वहां पर मेरे हाथ और सिर में बहुत सारे टांके लगे।”
खुद पीड़ित के इस बयान से बीजेपी सांसद और बीजेपी आईटी सेल के द्वारा फैलाई जा रही नफरत की पोल खुल जाती है। हालांकि इसके बावजूद ऐसे लोगों की गिरफ्तारी नहीं होती, जो चिंता की बात है