JNU केस में ABVP के दो पूर्व सदस्यों के ख़ुलासे के बाद दिग्गज वकील प्रशांत भूषण ने पुलिस द्वारा कन्हैया और दूसरों को फंसाने के लिए पीएम मोदी पर करारा हमला किया है।
प्रशांत भूषण ने ट्वीटर पर लिखा- “Wow!… ABVP के पूर्व सदस्यों का चौंका देने वाला ख़ुलासा। बीजेपी की छात्रशाखा ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए थे जिससे कि मोदी जी की पुलिस कन्हैया समेत दूसरों पर देशद्रोह का केस लगा सके”
Wow! Ex ABVP office-bearers drop bombshell, say members of BJP’s student wing chanted ‘Pakistan Zindabad’ slogans on JNU campus, for which Modi's police has charged kanhaiya Kumar and others for Sedition! https://t.co/W1Jlyvm97F
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 17, 2019
एबीवीपी के पूर्व सदस्यों का ख़ुलासा-
JNU केस में चौंका देने वाला ख़ुलासा हुआ।… बीजेपी की छात्रशाखा ABVP के दो पूर्व पदाधिकारियों ने जेएनयू नारेबाज़ी केस में सनसनीखेज़ ख़ुलासा किया है।
एबीवीपी के पूर्व उपाध्यक्ष जतिन गोरैया और पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रदीप नारवल ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा- “एक चैनल के द्वारा दिखाया गया वो वीडियो जिसमें कुछ छात्र कथित रूप से ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगा रहे हैं, असल में वो छात्र एबीवीपी के सदस्य हैं या उसको फॉलो करने वाले लोग हैं”
ABVP के पूर्व उपाध्यक्ष का बड़ा ख़ुलासा, कहा- JNU में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाने वाले एबीवीपी कार्यकर्ता थे
ABVP के दोनों पूर्व सदस्य बताते हैं कि- “हैदराबाद में दलित स्कॉलर रोहिता वेमुला की आत्महत्या को मीडिया की बहुत कवरेज मिल रही थी। इसी से ध्यान हटाने के लिए ABVP ने प्लान के तहत इस घटना को अंजाम दिया”
ABVP के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रदीप नारवल बताते है कि, “चूँकि हमदोनों भी दलित समाज से आते हैं इसलिए वेमुला की मौत के बाद हमसे कहा गया था कि हम लगातार टीवी चैनलों पर जाकर एबीवीपी का बचाव करें। लेकिन हमने ऐसा करने से मना कर दिया। क्योंकि वो (एबीवीपी) वेमुला को किसी आतंकी की तरह देखते थे।“
पुलिस ने जेएनयू केस में की है चार्जशीट-
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों पर जेएनयू में कथित देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में चार्जशीट फ़ाइल की है। ये मामला तीन साल पुराना है।
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एबीवीपी के पूर्व सदस्यों के इस ख़ुलासे के बाद अब एबीवीपी तो कटघरे में है ही साथ ही भारत सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस भी सवाले से घिर गई है। आख़िर पुलिस किसके कहने पर एबीवीपी का साथ दे रही थी? उसने एबीवीपी को बचाने में और कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और बाक़ियों को फंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।