
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर संप्रादायिकता के सवाल पर अपनी पार्टी के स्कूल-अस्पताल विकास मॉडल से जवाब दिया है।
एक कार्यक्रम के दौरान जब मनीष सिसोदिया से आयोध्या में राम मंदिर पर आम आदमी पार्टी के स्टैंड के सवाल पर पूछा गया तब जवाब में मनीष सिसोदिया कहा कि आयोध्या में रामराज्य मंदिर बनाने से नहीं यूनिवर्सिटी बनाने से आएगा।
सिसोदिया ने कहा कि अगर दोनों पक्ष राजी हो जाएं तो वहां एक विश्वविद्यालय बनाना चाहिए। ताकि इस विश्वविघालय में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और विदेशी छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर सके है। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को पढ़ाकर ही हम राम राज्य ला सकते हैं। साथ ही संप्रादायिक राजनीति को सिर्फ शिक्षा से ही रोका जा सकता है।
सिसोदिया ने अपने जापान दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि अभी हाल ही में मैं जापान गया था। उस दिन वहां हाइड्रोजन से कार चलाने के नए सिस्टम पर चर्चा की जा रही थी, लेकिन उसी दिन हमारे देश में ट्विटर पर हनुमान की जाति पर बहस हो रही थी। ये बेहद निराश करने वाला है। इसे सिर्फ शिक्षा से ही बदला जा सकता है।
आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी हैं। इस समय पूरे विश्ल में दिल्ली के स्कूलों में हुए विकास की चर्चाएं हो रहीं हैं। साथ ही दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में कुल बजट का 27 फीसदी से अधिक खर्च किया जा रहा है। इसी के साथ ही दिल्ली सरकार पूरे देश में शिक्षा पर सबसे अधिक धन खर्चा करने वाली सरकार बन चुकी है।