सीबीआई विवाद में एक और नया खुलासा हुआ है। सीबीआई के डीआईजी एमके सिंहा ने भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि केस में शामिल दो बिचौलियों के साथ अजीत डोभाल के करीबी रिश्ते हैं।

साथ ही अजीत डोभाल ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच को भी प्रभावित किया है और छापेमारी में बाधाएं भी खडी़ की है।

यह सभी आरोप एमके सिंहा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में लिखित रूप में कोर्ट को सौपे हैं। साथ ही साथ उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि मामले में शिकायतकर्ता सना सतीश बाबू ने बताया है कि सीबीआई केस में मदद मुहैया कराने के लिए केंद्रीय कोयला और खान राज्य मंत्री हरिभाई चौधरी को करोड़ों रुपये घूस के रूप में दिए गए हैं।

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चौधरी गुजरात से सांसद हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी बताए जाते हैं। इस मामले में सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा भी कई बड़े खुलासे कर चुकें हैं।

उन्होंने भी आरोप लगाया है कि पीएमओ के इशारे पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं आरजेडी प्रमुख लालू यादव को फंसाया गया है। लगातार हो रहे इन खुलासों पर सोशल मीडिया पर भी चर्चाएं काफी बढ़ गई हैं।

साथ ही साथ विपक्ष का मोदी सरकार पर आरोप है कि मोदी सरकार के साढ़े चार साल के शासनकाल में केंद्रीय संस्थाओं ने अपनी विश्वस्नीयता खोई है।

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यही वजह है कि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) के लिए दरवाज़े बंद हो गए हैं।

आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी ने सीबीआई को अपने राज्य में ऑपरेट करने की इजाज़त यानी कंसेंट वापस ले लिया है। अब सीबीआई को इन दोनों ही राज्यों में ऑपरेट करने के लिए राज्य सरकार से इजाज़त लेनी होगी।

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