चीन केKविदेश मंत्रालय के दावों के उलट अब खबर आ रही है कि गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीनी सेना ने भारत के कुछ सैनिकों को बंदी बना लिया था, जिन्हें अब रिहा किया गया है। चीन ने 10 भारतीय सैनिकों को रिहा किया है, जिनमें एक एक लेफ़्टिनेंट कर्नल और 3 मेजर शामिल हैं।

इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक मीडिया ब्रीफिंग में ये दावा किया था कि सोमवार को हुई झड़प के बाद से कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं हुआ है। ये दावा उन्होंने तब किया था जब झड़प के बाद भारतीय सैनिकों को चीनी सेना द्वारा बंदी बनाए जाने की बात कही जा रही थी।

द इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक़, चीन ने भारतीय सैनिकों को रिहा करने का फैसला मंगलवार से लेकर गुरुवार तक चली मेजर जनरल स्तर की तीन राउंड की बातचीत के बाद किया। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब चीन ने भारतीय सैनिकों को बंधक बनाया है।

ग़ौरतलब है कि इससे पहले सेना ने भी अपने आधिकारिक बयान में ये दावा किया था कि झड़प के बाद कोई भी भारतीय जवान लापता नहीं है। सेना ने अपने पूरे बयान में इस बात का ज़िक्र नहीं किया था कि चीन द्वारा भारतीय सैनिकों को बंदी बनाया गया है।

हालांकि सूत्रों के हवाले से ये खबरें आ रही थीं कि चीन ने भारतीय सैनिकों को बंदी बनाया है। लेकिन सेना से लेकर विदेश मंत्रालय तक इन दावों को गलत बता रहा था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भी झड़प को लेकर सरकार की ओर से जारी किए जा रहे बयानों पर संदेह जताया था। उन्होंने सरकार पर जानकारी छुपाने का आरोप लगाया था। लेकिन तब सरकार ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज कर दिया था

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