सरकारी आदेश की नाफरमानी के बाद माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर सत्तारूढ़ बीजेपी और उसके समर्थकों के निशाने पर आ गई है।

बीजेपी के कई बड़े नेता और पार्टी को सपोर्ट करने वाले कई सेलिब्रिटीज़ ने ट्विटर का बहिष्कार करते हुए कथित स्वदेशी माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ‘Koo एप’ पर अपना अकाउंट बना लिया है।

ट्विटर के विकल्प के तौर पर स्थापित किए जा रहे Koo एप का प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने कार्यक्रम मन की बात में कर चुके हैं। जिसके बाद इस एप की लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ रही है। ऐसे में एप पर डेटा की सुरक्षा को लेकर भी बहस तेज़ हो गई है।

फ्रांस के सुरक्षा विशेषज्ञ Robert Baptiste की मानें तो ‘कु एप’ पर बनाए जाने वाले अकाउंट सेफ नहीं हैं। एप से यूज़र्स के डाटा को लीक किया जा रहा है।

Koo एप पर रिसर्च करने वाले Baptiste ने कहा कि उन्होंने ट्विटर पर यूज़र्स के अनुरोध पर कु एप पर 30 मिनट बिताए और पाया कि भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म अपने यूज़र्स की संवेदनशील जानकारी जैसे कि ईमेल एड्रेस, नाम और जन्मदिन के साथ-साथ कई अन्य जानकारियां लीक कर रहा है। उन्होंने कु एप के बारे में अपनी इस शोध को विस्तार से बताने के लिए कई ट्वीट किए।

Robert Baptiste ने इसे लेकर स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किए हैं। स्क्रीनशॉट से ये साफ है कि ऐप कई पर्सनल डेटा लीक कर रहा है। कु पर मोदी कैबिनेट के कई मंत्रियों ने भी अकाउंट बनाए हैं, ऐसे में ये अंदेशा जताया जा रहा है कि इन मंत्रियों की भी संवेदनशील जानकारियां एप से लीक हो सकती हैं।

वहीं Baptiste ने एप के चाइनीज़ कनेक्शन की बात भी कही है। Baptiste ने कु एप का Whois रिकॉर्ड भी शेयर किया है। जो एक चीनी कनेक्शन दिखाता है।

हालांकि Baptiste का ये दावा पूरी तरह से सही नहीं है। जिन डोमेन डिटेल्स को Baptiste ने शेयर किया है वो डोमेन के हिस्टोरिकल ओनरशिप का हिस्सा है।

रिकॉर्ड से पता चलता है कि इसे करीब चार साल पहले क्रिएट किया गया था। उस समय से इसमें कई बदलाव हुए हैं।

कू ऐप का लेटेस्ट ओनर बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड है। ये कंपनी साल 2019 के आखिर में आई थी।

लेकिन ऐसा भी नहीं है कि एप का कोई चाइनीज़ कनेक्शन नहीं है। एप में चाइनीज इनवेस्टर शुनवेई कैपिटल का कुछ इन्वेस्टमेंट है। शुनवेई ने कु की पैरेंट कंपनी बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीज में 2018 में पैसा लगाया था।

हालांकि, कंपनी अपने आप को पूरी तरह से आत्मनिर्भर ऐप बता रही है और कंपनी का कहना है कि शुनवेई जल्द ही कंपनी से बाहर निकल जाएगा और जल्द ही अपनी हिस्सेदारी बेच देगा।

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