बुलंदशहर हिंसा में कथित गोरक्षकों के शिकार हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बहन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि उनके भाई की हत्या सीएम के गाय-गाय करने का नतीजा है।

सुबोध की बहन का यह दावा कितना सही है इसका अंदाज़ा घटना के बाद योगी आदित्यनाथ के बयानों से साफ़ तौर पर लगाया जा सकता है। उन्होंने घटना के बाद एक बार भी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का नाम नहीं लिया। वह अपने हर बयान में गोकशी पर ही बात करते नज़र आए।

हद तो तब हो गई जब योगी ने मंगलवार को लखनऊ में आलाधिकारियों के साथ हुई हाई लेव मीटिंग में भी सिर्फ गोकशी की ही बात की।

आलाधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में योगी ने बुलंदशहर हिंसा में उपद्रवियों की गोली से शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह का एक बार भी नाम नहीं लिया। पूरी बैठक में वह हिंसा की जांच की बजाय कथित गोकशी की घटनाओं पर कार्रवाई करने की बात करते रहे।

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योगी ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि अगर किसी भी जिले में अवैध बूचड़खाने संचालित होते हैं, तो उसकी जिम्मेदारी वहां के डीएम और एसपी की होगी। उन्होंने कथित गोकशी से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संबंध रखने वाले सभी लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का भी अधिकारियों को आदेश दिया।

योगी ने अधिकारियों को एक अभियान चलाकर ऐसे तत्वों को बेनकाब कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया जो माहौल को खराब करने की साजिश रच रहे हैं।

मुख्यमंत्री के साथ इस बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह विभाग के प्रमुख सचिव, खुफिया विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक समेत तमाम अधिकारी मौजूद थे।

दिलचस्प बात तो यह भी है कि इस बैठक में सीएम योगी की तरह ही किसी अधिकारी ने भी उंमादी भीड़ का शिकार हुए इंस्पेक्टर का नाम तक नहीं लिया। पूरी बैठक कथित गोकशी की घटनाओं और अवैध बूचड़खानों पर ही केंद्रित रही।

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